ये थी पुरानी योजना, लौटानी पड़ी राशि राजस्थान आवासन मंडल पानेरियों की मादड़ी उदयपुर में उच्च आय वर्ग के 35 ड्यूप्लेक्स आवासों के लिए वर्ष 2013 में स्ववित्त पोषित योजना लाया था। इसमें आवेदन पत्र की बुकलेट में आवास बनाने की प्रस्तावित भूमि स्थल का नक्शा, क्षेत्रफल, आवास निर्माण भवन का नक्शा, कीमत निर्धारित की गई थी। योजना के लिए जारी आवेदन पत्र की कीमत 500 रुपए रखी गई थी। येाजना में कुल 282 पंजीकरण पुस्तिका मय आवेदन पत्र बेचे गए, जिनमें से 192 आवेदकों द्वारा पंजीकरण के लिए आवेदन किया गया। इन आवेदकों से प्रोसेसिंग फीस के रूप में प्रति आवेदन दो हजार रुपए के हिसाब से 3 लाख 84 हजार रुपए मंडल को प्राप्त हुए थे। इसमें पंजीकरण राशि के रूप में विभिन्न बैंकों में 8 करोड़, 42 लाख 49 हजार 750 रुपए प्राप्त हुए थे। योजना का क्रियान्वयन नहीं होने के कारण जमा राशि पर बैंक से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित राशि आवेदकों को लौटाई गई। इस प्रकार 39 लाख 94 हजार 662 रुपए का अतिरिक्त भुगतान किया गया।
READ MORE : #SWAG से किया नए साल का स्वागत, उदयपुर में नए साल के जश्न की देखें तस्वीरें
पुरानी योजना छोड़ गई कई सवाल – पिछली योजना की विफलता कई सवाल छोड़ गई। जब आवासन मंडल जब जमीन का भौतिक अधिग्रहण नहीं कर पाया तो ऐसी योजना को लेकर लोगों के सपनों से खेलने का क्या मतलब।
– किसी भी योजना को आमजन तक ले जाने से पहले बकायदा सर्वे होता है। मुख्यालय स्तर पर इसकी प्लानिंग की जाती है और भौतिक अधिग्रहण के बाद ही इसके लिए आवेदन आमंत्रित होते हैं।
– किसी व्यक्ति ने किसी स्थान पर मकान के लिए आवेदन किया है, और उसे दूसरी जगह लेने की बात कहना कहां तक सही है।
पुरानी योजना छोड़ गई कई सवाल – पिछली योजना की विफलता कई सवाल छोड़ गई। जब आवासन मंडल जब जमीन का भौतिक अधिग्रहण नहीं कर पाया तो ऐसी योजना को लेकर लोगों के सपनों से खेलने का क्या मतलब।
– किसी भी योजना को आमजन तक ले जाने से पहले बकायदा सर्वे होता है। मुख्यालय स्तर पर इसकी प्लानिंग की जाती है और भौतिक अधिग्रहण के बाद ही इसके लिए आवेदन आमंत्रित होते हैं।
– किसी व्यक्ति ने किसी स्थान पर मकान के लिए आवेदन किया है, और उसे दूसरी जगह लेने की बात कहना कहां तक सही है।
पुरानी योजना को आधार मानकर पानेरियों की मादड़ी में फिर से भूमि अधिग्रहण की तैयारी कर रहे हैं। साथ ही जिन्हें वहां घर नहीं मिले वे गोवद्र्धनविलास में मकान ले सकते हैं। पिछली योजना में बगैर अधिग्रहण के कैसे पंजीकरण करवा लिया गया, इसके बारे में तो पूर्व के अधिकारी ही कुछ बता सकते हैं।
आरसी जैन, उपायुक्त, राजस्थान आवासन मंडल उदयपुर
आरसी जैन, उपायुक्त, राजस्थान आवासन मंडल उदयपुर