READ MORE : तस्वीरों में देखे – दीक्षा से पहले साधु वस्त्र में पूरा परिवार दीक्षा स्थल पर पहुंचने के बाद आचार्य रामलाल महाराज की निश्रा में दीक्षार्थियों मुमुक्षु निर्मल मालू, चंदनदेवी मालू, सपना लोढ़ा, प्रोफेसर निकिता कोटडिय़ा, नीरज मालू, समता मालू को श्वेत वस्त्र धारण करवाए गए। बाद में आचार्य ने करीब 1 घंटे की विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और मंत्रोच्चार के बीच उनकी दीक्षा सम्पन्न करवाई। दीक्षा सम्पन्न होने के बाद साध्वीवृंद ने मंगल गीत एवं बधाइयों का गायन किया। इस दौरान पांडाल जयकारों से गूंज उठा। पूरे मालू परिवार ने जब दीक्षा ग्रहण की तो समारोह में मौजूद श्रावक-श्राविकों की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। बाद में दीक्षार्थियों ने आचार्य की वंदना की एवं अपने मन के भाव व्यक्त किए। दीक्षा प्रदान करने से पूर्व आचार्य ने कहा कि दीक्षार्थियों के परिजनों की तरफ से अनुज्ञा पत्र और अनुमति पत्र प्राप्त हो चुके हैं। आचार्य ने दीक्षा स्थल पर उपस्थित दीक्षार्थियों के परिजनों और समाज जनों से दीक्षा प्रदान करने की अनुमोदना भी करवाई। इसी दौरान आचार्य ने दीक्षार्थियों से भी दीक्षा ग्रहण करने की सहमति मांगी। दीक्षा स्थल पर महिला-पुरुषों के बैठने के लिए अलग से व्यवस्था की गई थी। दीक्षा के बाद मुमुक्ष निर्मल मालू का निश्रेयस मुनि, नीरज मालू का नवोन्मेष मुनि, चंदनदेवी मालू का महासती मणामगंधाश्री, सपना लोढ़ा का महासती संयमसुगंधाश्री, निकिता कोटडिय़ा का महासती निरामगंधाश्री, समता मालू का महासती सौम्यसुगंधाश्री नामकरण किया गया।