उदयपुर संभाग की खेरवाड़ा, झाड़ोल व गोगुंदा विधानसभा क्षेत्रों की सीमाएं समीपवर्ती गुजरात के पालनपुर, खेड़ब्रह्मा, ईडर, मोड़ासा एवं हिम्मतनगर को छूती हैं। इसी तरह धानेरा, धराद, दांता, भीलोड़ा, झालोद, दाहोद, संतरामपुर विधानसभा क्षेत्र में हमारी संस्कृति से मिलता-जुलता असर लोगों में है। सीमावर्ती क्षेत्रों में पडऩे वाले गांवों में रिश्तेदारियां हैं। इसके अलावा आदिवासी इलाकों की जीवन शैली, संस्कृति, पर्व-त्योहार आदि अन्य कई समानताएं हैं। प्रदेश के लोग रोजगार की तलाश में गुजरात के लिए पलायन भी करते हैं, लेकिन राजनीतिक पार्टियों के चयन को लेकर दोनों प्रदेशों के सीमावर्ती जनजाति क्षेत्र के लोगों में तालमेल नहीं है।
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प्रदेश में अलग मेहनत
पिछले विधानसभा चुनाव के परिणामों एवं रुझानों से यही कह सकते हैं कि केवल गुजरात में सरकार बना लेने से राजस्थान के समीपवर्ती विधानसभा क्षेत्रों के प्रति निश्चिंत हो जाना कांग्रेस और भाजपा जैसे राजनीतिक संगठनों के लिए महंगा सौदा साबित हो सकता है। गौरतलब है कि दक्षिण राजस्थान की विधानसभा सीटों में बहुमत वाली पार्टी ही सरकार बनाने में सफल होती रही हैं।
प्रदेश में अलग मेहनत
पिछले विधानसभा चुनाव के परिणामों एवं रुझानों से यही कह सकते हैं कि केवल गुजरात में सरकार बना लेने से राजस्थान के समीपवर्ती विधानसभा क्षेत्रों के प्रति निश्चिंत हो जाना कांग्रेस और भाजपा जैसे राजनीतिक संगठनों के लिए महंगा सौदा साबित हो सकता है। गौरतलब है कि दक्षिण राजस्थान की विधानसभा सीटों में बहुमत वाली पार्टी ही सरकार बनाने में सफल होती रही हैं।
विधानसभा चुनाव के तुलनात्मक आंकड़े गुजरात राजस्थान
वर्ष- कांग्रेस -भाजपा- वर्ष -कांग्रेस -भाजपा
2002 -51 -121 -2003 -56 -120
2007- 59- 117 -2008- 96- 78
2012 -60 -116- 2013 -21 -163