नेताओं की मेहनत पूरी, इंतजार महापौर की लॉटरी का, फिर पार्षद बनने की दौड़
उदयपुरPublished: Oct 16, 2019 01:09:25 pm
नेताओं ने पूरी रणनीति तैयार की, वार्डों में चौपाल पर दावेदारों के दम पर चर्चा
नेताओं की मेहनत पूरी, इंतजार महापौर की लॉटरी का, फिर पार्षद बनने की दौड़
मुकेश हिंगड़ / उदयपुर. घरों में दीपावली की सफाई हो रही है। व्यापारी दीपावली की ग्राहकी को लेकर व्यस्त है लेकिन नेताओं व कार्यकर्ता अब पार्षद और महापौर बनने के ख्वाब में व्यस्त हो गए है। वार्डों में हो या चौपाल पर अब एक ही चर्चा ने जोर पकड़ा है कि चुनाव में चेहरों की गणित क्या होगी और कौन भारी रहेगा। चर्चा का अंतिम सार यही है कि बस महापौर की सीट का आरक्षण कैसा होगा उस पर ही राजनीति बिसात आगे बढ़ेगी। पार्षद बनने वालों ने अपने कदम पार्टी कार्यालय से लेकर जिस वार्ड से दावेदारी कर रहे है वहां तक बढ़ा दिए है तो महापौर की चाह वाले लॉटरी का ब्रेसबी से इंतजार कर रह है। अभी सभी को महापौर की सीट के आरक्षण की लॉटरी का इंतजार है। वैसे अभी तक इसकी अधिकृत तारीख घोषित नहीं की गई है लेकिन संभावना 19 अक्टूबर की जताई जा रही है। महापौर की सीट की लॉटरी निकलने के बाद राजनीतिक तस्वीर साफ हो जाएगी।
पार्षद के टिकट की लिए स्मार्ट बायोडेटा
शहर में कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ही दलों की ओर से पार्षद की दावेदारी करने वाले अपना स्मार्ट बायोडेटा बना रहा रहे है। शहर में डिजाइनर की दुकानों पर बायोडेटा बनाने वालों की भीड़ बढऩे लगी है। टिकट चाहने वाले अपने बायोडेटा में उदयपुर में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ अपना फोटो लगा रहे है। साथ के साथ वे अपनी गतिविधियों की तस्वीरें भी उसमें लगवा रहे है। भाजपा से ज्यादातर ने गुलाबचंद कटारिया तो कांग्रेस से पूर्व मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास व पूर्व सांसद रघुवीरसिंह मीणा के फोटो लगवा रहे है। भाजपा जिन कार्यकर्ताओं का पीएम मोदी व केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ फोटो है वे, उनका फोटो भी लगवा रहे है। बायोडेटा बनाने में महिला दावेदार भी पीछे नहीं है, ज्यादातर पार्टी में अब तक किए कार्य, दायित्व की पूरी जानकारी अंकित कर रहे है। ग्राफिक्स डिजाइन प्रवीण दक कहते है कि अभी तक उन्होंने जितने बायोडेटा बनाए उसमें सर्वाधिक युवा ज्यादा है, वे कहते है कि महापौर की सीट का आरक्षण नहीं होने से उनके दावेदार तो अभी नहीं आए।
रजनी ही एक मात्र निर्वाचित जनप्रतिनिधि
वर्ष 2009 में सीधे जनता से सभापति/महापौर चुनने वाली प्रक्रिया से चुनाव हुए थे। उदयपुर नगर परिषद में सभापति के पद पर भाजपा की रजनी डांगी ने कांग्रेस की नीलिमा सुखाडिय़ा को हराया था, तब यहां नगर परिषद हुआ करती थी। बाद में जैसे ही नगर निगम बना तो रजनी डांगी का पद सभापति से सीधे महापौर हो गया था। इसके बाद 2014 में पार्षदों से ही महापौर चुनने की प्रकिया आई तब भाजपा का बोर्ड बना और 55 में से 49 वार्ड जीते, पार्षदों की बैठक में चन्द्रसिंह कोठारी को महापौर चुना गया था।
आप 70 वार्डों में उतारेगी उम्मीदवार
आम आदमी पार्टी उदयपुर शहर की बैठक जिला अध्यक्ष निर्भय सिंह की अध्यक्षता में हुई। बैठक में निर्णय किया गया कि पार्टी नगर निगम चुनाव में शहर के 70 ही वार्डों में अपने प्रत्याशी उतारेगी। बैठक में प्रदेश प्रवक्ता भरत कुमावत, जिला उपाध्यक्ष मिथिलेश सिंह, शहर अध्यक्ष हनीफ खान आदि उपस्थित थे।