महापौर, सभापति व नगर पालिका अध्यक्ष के पास नहीं जाए विकास की पत्रावलियां
उदयपुरPublished: Jun 19, 2020 11:12:28 am
राज्य सरकार ने कहा मुखिया अपने पास रोक देते पत्रावलियां, निकायों के काम प्रभावित होते
मुकेश हिंगड़ / उदयपुर. नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिकाओं के मुखिया अनावश्यक ही निर्माण व विकास की फाइले लेकर रोके रहते है जिससे निकायों का काम प्रभावित होता है। ऐसे में इस तरह की सभी फाइले संबंधित निकाय के महापौर, सभापति या अध्यक्ष के पास नहीं जाए। अगर वे मांगे तो उनको फोटो कॉपी उपलब्ध करवा दें। यह निर्देश राज्य सरकार ने सभी नगर निकायों को दिए है। स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक ने सभी निकायों के आयुक्त/अधिशाषी अधिकारियों से कहा कि इसकी पालना हो। साथ में यह हिदायत भी दी कि यदि निकाय के मुखिया फाइल नहीं लौटाते तो आयुक्त मुखिया के ध्यान में लाए और फिर भी पत्रावली नहीं लौटाई जाती तो संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही के लिए प्रस्ताव बनाकर जयपुर मुख्यालय भिजवाया जाए।
जो नियमों में, वहीं पत्रावलियां जाए
सरकार ने कहा कि महापौर व आयुक्त के अधिकार व क्षेत्राधिकारी स्पष्ट किए हुए है। इसमें महापौर को निर्माण व विकास कार्य या अन्य किसी प्रकरण से संबंधित वहीं पत्रावली भेजी जाए जो नियमों व पक्रिया के अन्तगर्त स्वीकृति आदेश प्राप्त करने के लिए भिजवाना आवश्यक हो। अन्य कोई पत्रावली सामान्य रूप से नहीं भेजी जाए। डीएलबी ने कहा कि अगर को मुखिया पत्रावली की मांग करते है तो ऐसी पत्रावली की मात्र फोटो प्रति आयुक्त की अनुमति से दी जाए, मूल पत्रावली नहीं दी जाए।
डीएलबी को शिकायतें मिली
बताते है कि डीएलबी को प्रदेश की कुछ निकायों से शिकायतें मिली की निकायों के मुखिया निर्माण की पत्रावलियां ही मंगवा लेते है और वे अपने पास रोक रखे है ऐसे में विकास की गति रुक गई है या कार्य नहीं हो पा रहे है। इन शिकायतों के आधार पर ही डीएलबी ने सभी निकायों के लिए ये निर्देश जारी किए है।