मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश खराड़ी ने बताया की सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना का हर माह राज्य स्तर से मुख्य सचिव महोदय द्वारा एवम् जिला स्तर पर जिला कलेक्टर महोदय द्वारा रिव्यू किया जाता है। जिसके लिए एक्टिव डीडीसी की संख्या, दवा की उपलब्धता, ऑनलाइन दवा पर्चियों का इंद्राज सहित 8 मानकों के आधार पर रैंकिंग जारी की जाती है। इन मानकों पर हाल ही में जारी रेंकिक में उदयपुर ने छठा स्थान प्राप्त किया है। डीपीसी मोहन सिंह धाकड़ एवम् उनकी टीम के निरंतर प्रयास का नतीजा है की मात्र 3 महीने में ही जिले ने 29 वे स्थान से छठा स्थान हासिल किया है।
डॉ खराड़ी ने बताया की जिले में वर्तमान में 178 दवा वितरण केंद्र है एवम् सभी के सभी एक्टिव है। सभी दवा वितरण केंद्रों पर मानक के आधार पर पर्याप्त दवाइया उपलब्ध कराई जा रही है एवम् जो जो दवाइया उपलब्ध नहीं है उनको लोकल स्तर पर खरीद कर मरीजों को उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा सभी चिकित्सा संस्थानों पर प्रभारी अधिकारियों को ओपीडी शुरू होने के 30 मिनट के अंदर दवा पर्चियों का इंद्राज शुरू करने एवम् प्रतिदिन शत प्रतिशत ऑनलाइन एंट्री हेतु पाबंद किया हुआ है।
सम्पूर्ण गतिविधियों की नियमित मॉनिटरिंग ड्रग वेयर हाउस प्रभारी डॉ मोहन सिंह धाकड़ द्वारा की जा रही है। मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना का लाभ लोगों को मिल रहा है। जहाँ लोग पहले अपने उपचार के लिए घर के गहने तक बेच देते थे। लेकिन अब ये स्थिति नही है.स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च प्रत्येक परिवार की सबसे बड़ी चिंताओं में से एक है। राजस्थान सरकार ने एक मानवीय पहल करते हुए मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना प्रारंभ की है जिससे सभी प्रदेशवासियों को निःशुल्क बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं। pic.twitter.com/OburBLQb1d
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 11, 2022
