प्रदेश के अब दो दर्जन ठेकेदार निविदा खुल जाने के बाद हताश हैं और अपनी अमानत राशि लौटाने की सीएमओ तक गुहार लगा रहे हैं। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 40 निविदाएं भरने वाले 25 से ज्यादा ठेकेदार अपनी लाखों रुपए की अमानत राशि वापस मांग रहे हैं और वे काम नहीं करना चाहते हैं। इन ठेकेदारों ने मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखा है।
— मूल निविदा में कहीं उल्लेख नहीं ठेकेदारों का कहना है कि 14 पृष्ठीय नियम-शर्तों में कहीं भी उल्लेख नहीं है कि यह राशि कॉरपोरेशन को जमा करवानी होगी। ऐसा केवल उदयपुर के साथ ही नहीं वरन 25 जिलों में हुआ। दूसरी ओर, कॉरपोरेशन यह दुहाई दे रहा है कि नियम-शर्तों में इसका उल्लेख था।
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घर से भटके तीसरी व चौथी के बच्चे जा पहुंचे मुम्बई, फिर हो गया ऐसा, पढ़ें पूरी कहानी राशि जमा करवाने के पत्र से उड़े होश उदयपुर की बात करें तो यहां आरएसबीसीएल के प्रतापनगर व बलीचा में दो गोदाम हैं। कॉरपोरेशन ने यहां के लोडिंग-अनलोडिंग की अधिकतम बोली 1.96 करोड़ रुपए तय की। एक फर्म ने 1.74 करोड़ में काम करने की सहमति जताते हुए निविदा भरी। आरएसबीसीएल ने उक्त फर्म के नाम निविदा खोलते हुए उक्त राशि यानी 1.74 करोड़ रुपए निगम को देय राशि बताते हुए जमा कराने का पत्र मेल से भेज दिया। यह देख ठेकेदार के होश उड़ गए कि वह वर्ष पर्यन्त मात्र 22 लाख रुपए में कैसे काम करेगा। लिहाजा ठेकेदार ने निविदा के साथ दो प्रतिशत के हिसाब से चार रुपए की अमानत राशि की वापस मांग ली और काम करने में असमर्थता जता दी।