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उसके शब्द जाल में फंस गए राजस्थान के दो दर्जन ठेकेदार, उलझे लाखों रुपए, जानें पूरा मामला

locationउदयपुरPublished: May 07, 2019 04:34:17 pm

Submitted by:

Mohammed illiyas

राज्य के दो दर्जन से ज्यादा ठेकेदारों को शब्द जाल में ऐसा फांसा कि वे लाखों की अमानत राशि उलझा बैठे।

Rajasthan State Beverage Corporation Limited tender

उसके शब्द जाल में फंस गए राजस्थान के दो दर्जन ठेकेदार, उलझे लाखों रुपए, जानें पूरा मामला


– सीएमओ तक के चक्कर काट रहे ठेकेदार
– आरएसबीसीएल की निविदा में भाषायी पे
– अमानत राशि में उलझे लाखों रुपए

मोहम्मद इलियास/उदयपुर. राजस्थान स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (आरएसबीसीएल) ने लोडिंग-अनलोडिंग काम की निविदा में राज्य के दो दर्जन से ज्यादा ठेकेदारों को शब्द जाल में ऐसा फांसा कि वे लाखों की अमानत राशि उलझा बैठे। ठेकेदारों ने आनन-फानन में विभाग के खजाने को छलका दिया। जब उन्हें हकीकत पता चली तो वे खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं और लाखों रुपए की अमानत राशि वापस पाने की कोशिश में जुट गए हैं। कॉरपोरेशन की ओर से निकाली गई निविदा में ठेकेदार ने अधिकतम राशि की निविदा यह सोचकर डाली कि यह काम आसानी से करेंगे लेकिन उन्हें बाद में पता चला कि जो राशि वे भर रहे हैं, वह कॉरपोरेशन को जमा करवानी होगी।
प्रदेश के अब दो दर्जन ठेकेदार निविदा खुल जाने के बाद हताश हैं और अपनी अमानत राशि लौटाने की सीएमओ तक गुहार लगा रहे हैं। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 40 निविदाएं भरने वाले 25 से ज्यादा ठेकेदार अपनी लाखों रुपए की अमानत राशि वापस मांग रहे हैं और वे काम नहीं करना चाहते हैं। इन ठेकेदारों ने मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखा है।

मूल निविदा में कहीं उल्लेख नहीं

ठेकेदारों का कहना है कि 14 पृष्ठीय नियम-शर्तों में कहीं भी उल्लेख नहीं है कि यह राशि कॉरपोरेशन को जमा करवानी होगी। ऐसा केवल उदयपुर के साथ ही नहीं वरन 25 जिलों में हुआ। दूसरी ओर, कॉरपोरेशन यह दुहाई दे रहा है कि नियम-शर्तों में इसका उल्लेख था।
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राशि जमा करवाने के पत्र से उड़े होश

उदयपुर की बात करें तो यहां आरएसबीसीएल के प्रतापनगर व बलीचा में दो गोदाम हैं। कॉरपोरेशन ने यहां के लोडिंग-अनलोडिंग की अधिकतम बोली 1.96 करोड़ रुपए तय की। एक फर्म ने 1.74 करोड़ में काम करने की सहमति जताते हुए निविदा भरी। आरएसबीसीएल ने उक्त फर्म के नाम निविदा खोलते हुए उक्त राशि यानी 1.74 करोड़ रुपए निगम को देय राशि बताते हुए जमा कराने का पत्र मेल से भेज दिया। यह देख ठेकेदार के होश उड़ गए कि वह वर्ष पर्यन्त मात्र 22 लाख रुपए में कैसे काम करेगा। लिहाजा ठेकेदार ने निविदा के साथ दो प्रतिशत के हिसाब से चार रुपए की अमानत राशि की वापस मांग ली और काम करने में असमर्थता जता दी।
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