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बाहर से ना अपनों से पूरी तरह जुड़ पाई रोडवेज

locationउदयपुरPublished: Sep 25, 2020 02:04:33 am

Submitted by:

Pankaj

क्षेत्रवार लॉकडाउन ने रोकी रोडवेज की राह, स्थानीय स्तर पर करीब 25 बसें अब भी बंद

सर्वाधिक डीजल औसत देने वाले राजसमन्द को प्रथम

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उदयपुर . लॉकडाउन में अचानक थमे रोडवेज के चक्के धीरे-धीरे चलने लगे, लेकिन अब भी हालात पटरी पर नहीं है। जहां सरकार ने हर वर्ग को राहत देते हुए सेवाओं का संचालन शुरू किया, वहीं रोडवेज बसों का संचालन उस रफ्तार से नहीं हो पाया, जैसा पहले था। स्थिति ये है कि ना अंतरराज्यीय बसों का संचालन शुरू हो सका और ना ही स्थानीय स्तर पर बसों की जरुरतें पूरी हो पाई।
उदयपुर आगार से पहले के मुकाबले 78 फीसदी बसों का ही संचालन हो रहा है। पहले जहां 98 बसों से 39 हजार किलोमीटर का सफर होता था, वहीं अब 73 बसें 28 हजार किलोमीटर ही चल रही है। राजस्थान से बाहर जाने वाली उदयपुर आगार की बसों का संचालन नाम मात्र का हो पाया है। हरिद्वार, भोपाल, शिरडी, उज्जैन जाने वाली बसें अब भी बंद है, वहीं इंदौर जाने वाली दो में से एक बस ही चल रही है और एक बस को रतलाम तक ही चलाया गया है। संभाग में चलने वाली बसों की बात करें तो लगभग सभी रूट कवर हो रहे हैं, लेकिन पहले के मुकाबले बसों की संख्या काफी कम है। ऐसे में आमजन की जरुरत पूरी नहीं हो पा रही है। इसकी बड़ी वजह स्थानीय स्तर पर लगने वाले लॉकडाउन है। जहां कहीं कोरोना संक्रमित अधिक मिलने पर स्थानीय प्रशासन की ओर से पाबंदियां लगाई जाने पर रोडवेज का संचालन पूरे रूट पर नहीं हो पा रहा है।
फैक्ट फाइल
98 – बसें चलती थी पहले

39 – हजार किलोमीटर था सफर
73 – बसों का ही अभी संचालन

28 – हजार किमी ही चल रही बसें
78 – प्रतिशत कुल संचालन बसों का
65 – फीसदी यात्री भार वर्तमान में

बरत रहे हैं सावधानी

रोडवेज बसों का 80 प्रतिशत से ऊपर संचालन होने पर घाटे की स्थिति नहीं रहती, लेकिन वर्तमान में 78 प्रतिशत ही संचालन हो रहा है। संक्रमण से बचते हुए सावधानी पूर्वक बसों का संचालन कर रहे हैं। जिले के लगभग सभी रूट कवर हो रहे हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन के कारण कुछ रूट पर बसों का संचालन मुश्किल हो रहा है। बाकी यात्री भार के अनुसार बसें लगा रखी है। आगार में सेनेटाइजेशन पूरी तरह से होता है। बसों में भी स्प्रे और स्क्रीनिंग की व्यवस्था कर रखी है।
महेश उपाध्याय, मुख्य प्रबंधक, उदयपुर आगार
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