उदयपुर

खाली हुई अफसरों की कुर्सियां, मात्र संविदा के उपायुक्त बचे

नगर निगम

उदयपुरFeb 27, 2019 / 02:19 pm

Mukesh Hingar

उदयपुर. प्रदेश में सत्ता बदलने का प्रभाव भी उदयपुर की शहरी सरकार नगर निगम पर दिखने को मिला है। नगर निगम में लगे आईएएस आयुक्त का तबादला होने के बाद से अब तक यहां आयुक्त नहीं लगाया और जो कार्यवाहक आयुक्त थे उनका भी तबादला कर दिया गया और अब अफसरों का मुखिया कोई नहीं रहा है। सब नए अफसर की प्रतीक्षा में लेकिन आयुक्त के अधिकारों से होने वाले कार्यों को लेकर कई जगह बेबसी दिखने को मिली। दिसम्बर महीने के अंतिम सप्ताह में सरकार ने आईएएस अफसरों के तबादले किए थे तब यहां लगे आयुक्त व उदयपुर स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ सिद्धार्थ सिहाग का झालावाड़ कलक्टर के पद पर तबादला हो गया था, करीब दो महीने निकलने आए लेकिन यहां स्थायी आयुक्त नहीं मिला। सरकार ने आदेश में ही अजमेर से अंजलि राजोरिया को उदयपुर नगर निगम का आयुक्त बनाया था लेकिन उनको वहां से रिलीव ही नहीं किया और बाद में उनका तबादला निरस्त भी कर दिया गया। इसके बाद यूआईटी के ओएसडी ओपी बुनकर को आयुक्त का अतिरिक्त कार्यभार दे दिया तो जिला परिषद के सीईओ कमर चौधरी को स्मार्ट सिटी का सीईओ की जिम्मेदारी दी लेकिन दोनों ही पदों पर सरकार ने अभी किसी को स्थायी जिम्मेदारी नहीं दी।
फाइलों का अम्बार लगा
स्थायी आयुक्त के नहीं आने से निगम में फाइलों का अम्बार लग गया। बुनकर आए तब उन्होंने फाइले निकाली, इस बीच निगम के डीटीपी,एक्सईएन सहित पांच जनों को एपीओ कर दिया तो निगम में एकाएक काम प्रभावित होने लगा।

संविदा उपायुक्त ने निकाले आदेश
बुनकर का तबादला हो गया लेकिन वे अभी रिलीव नहीं हुए लेकिन निगम में उनके बाद उपायुक्त भोजकुमार के पास जिम्मेदारी है, वे संविदा अधिकारी है। उनका अनुबंध में तथा तत्कालीन आयुक्त सिहाग के कुछ आदेशों में अंकित कर रखा था कि (वित्तीय, प्रशासनिक स्वीकृति की शक्तियां शामिल नहीं) होगी फिर वे आदेश निकाल रहे है। मंगलवार को भोजकुमार के हस्ताक्षर से एपीओ अधिकारियों की कार्य व्यवस्था भी बांटी गई जिसमें अधिशाषी अभियंता मनीष अरोड़ा का कार्यभार सहायक अभियंता हरीश त्रिवेदी, डीटीपी सिराजुद्दीन की जिम्मेदारी सहायक नगर नियोजक करीमुद्दीन को, कनिष्ठ अभियंता सुनील प्रजापत की जिम्मेदारी ज्ञानेन्द्रसिंह को, कनिष्ठ अभियंता गिरिराज माली की राहुल चंदेरिया व भगवती लाल खारोल को तथा वरिष्ठ लिपिक नीरज ठाकुर की जिम्मेदारी देवेन्द्र राठौड़, पवन कोठारी व जगदीश सोलंकी में बांटी गई। वैसे इस आदेश को लेकर महापौर चन्द्रसिंह कोठारी से फाइल अनुमोदित हो चुकी थी।
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