विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार को 18वें अखिल भारतीय सचेतक सम्मेलन के समापन पर सदन में बढ़ते हंगामों और उनकी मीडिया रिपोर्टिंग को लेकर यह बात कही। सम्मेलन के बाद पत्रिका से बातचीत में विधानसभा अध्यक्ष मेघवाल ने अपनी बात स्पष्ट करते हुए कहा कि मीडिया जिस तरह कई बार हल्की-फुल्की बातें अखबार में छाप देता है, जिसका कोई आधार नहीं होता। ऐसा करके विधानसभा और लोकसभा में मीडिया सबसे ज्यादा गड़बडिय़ां पैदा कर रहा है। उधर, केन्द्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल ने मीडिया को लेकर कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, जिसे मजबूत करने की जरूरत है। हम इसे और मजबूत बनाएंगे।
READ MORE : GOOD NEWS : चेन्नई से उदयपुर के लिए अब सीधी विमान सेवा होगी शुरू , ये एयरलाइंस देगी सुुविधा समापन सत्र में यह बोले विधानसभा अध्यक्ष समापन सत्र में विधानसभा अध्यक्ष मेघवाल ने कहा कि सदन में बहस का स्तर गिरता जा रहा है। प्रश्नकाल व शून्यकाल में हंगामा होता है, टोका-टाकी होती है, ये अखबारों में सुर्खियां बनते हैं। अखबारों में सुर्खियां पाने के लिए ही यह दुष्प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। वैचारिक दृष्टि से बात होती हैं, वे बहुत कम छपती हैं। हंगामा और टोकाटाकी की बढ़ती दुष्प्रवृत्ति को रोकने के लिए या तो यह प्रतिबंध लगा दें कि हंगामे की खबर किसी अखबार में नहीं जाएगी, या ये प्रतिबंध लगा दें कि सदन का कोई भी सदस्य वेल में नहीं आएगा और जो आएगा उसकी खबर नहीं छपेगी, तो छपास रोग से ग्रस्त विधायक कम हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्पीकर का कर्तव्य चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। चाहे लोकसभा हो, चाहे राज्यसभा या विधानसभा, किसी मुद्दे पर अपना बात सही ढंग से कहने के बजाय हंगामे की स्थिति पैदा की जाती है, यह दुष्प्रवृत्ति है। उन्होंने कहा कि जब वे नवीं लोकसभा में सदस्य थे तो पूर्व सदस्यों के वक्तव्य निकाल कर पढ़ते थे, उस समय की तुलना में आज भाषा पर नियंत्रण नहीं, विचारों में तारतम्य नहीं है। इस पर विशेष
ध्यान देने की जरूरत है, इसे सचेतक ही पूरा कर सकते हैं। जो विषय है उसी पर वक्तव्य आना चाहिए।