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उड़द, सोयाबीन व मंूगफली की एक ढेला भी नहीं हुई खरीद

locationउदयपुरPublished: Nov 19, 2019 05:56:16 pm

Submitted by:

surendra rao

सरकारी सर्मथन मूल्य की बजाय बाजार में मिल रही अधिक कीमत20 दिन से सूने पड़े हैं खरीद केन्द्र

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उड़द, सोयाबीन व मंूगफली की एक ढेला भी नहीं हुई खरीद


उदयपुर. संभाग में राजफैड की ओर से सरकारी समर्थन मूल्य पर खरीफ फसलों की खरीद के लिए खोले गए खरीद केन्द्र पिछले 20 दिनों से सूने पड़े हैं। अभी तक इन केन्द्रों पर एक ढेले की भी खरीद नहीं हो पाई है। बाजार में सोयाबीन व उड़द के अधिक दाम मिलने से किसान सरकारी खरीद केन्द्रों पर माल बेचने में रुचि नहीं दिखा पा रहे हैं। अधिकांश जिंस बिचौलियों को बेची जा रही है। संभाग में 15 खरीद केन्द्र खोल रखे हैं, जहां एक भी किसान बिक्री के लिए माल लेकर नहीं पहुंचा है। बांसवाड़ा जिले के बागीदौरा में सोयाबीन के 21 रजिस्ट्रेशन हुए। राजफैड ने किसानों को खरीद का न्योता भी भेजा लेकिन किसान नहीं पहुंचे और माल को खुले बाजार में अधिक मूल्य पर बेच दिया। उड़द खरीद का तो खाता ही नहीं खुल पाया है। यानि किसी भी सेंटर पर एक भी किसान ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। उड़द के चार केन्द्रोंं क्रमश: प्रतापगढ़, अरनोद, छोटीसादड़ी व निम्बाहेड़ा में एक भी किसान ने पंजीयन नहीं कराया है। इसी तरह सोयाबीन के 9 सेंटरों में से आसपुर, सागवाड़ा, छोटीसादड़ी व प्रतापगढ़ में भी किसानों ने पंजीयन में दिनचस्पी नहीं दिखाई है। मूंगफली में बेगंू में 47 व निम्बाहेड़ा में 2 किसानों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है। खरीद केन्द्रो पर कर्मचारी ठाले बैठे हैं। बता दें कि बरसात अधिक होने से इस बार खरीफ फसलों को नुकसान हुआ है। उड़द, सोयाबीन व मंूगफली का उत्पादन कम होने से खुले बाजार में कीमतें तेज हैं, जबकि सरकारी सर्मथन मूल्य कम है। एेसे में किसान अपना माल सीधे बिचौलियों को बेच रहे हैं। हाड़ौती क्षेत्र में सोयाबीन व उड़द की फसलें नष्ट होने से इनकी कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। उड़द का सरकारी सर्मथन मूल्य 57000 रुपए प्रति क्वि. है, जबकि बाजार में 6 हजार रुपए है। इसी तरह सोयाबीन का 3710 रुपए सरकारी मूल्य है तो बाजार में4 हजार रुपए के भाव है।
इस बार अधिक बरसात होने से खरीफ फसलंे बर्बाद हो गई है। इससे सोयाबीन व उड़द का उत्पादन काफी कम हुआ है। एेसे में बाजार की कीमतें ऊंची है। किसान सरकारी खरीद केन्द्रों की बजाय बाजार में माल बेच रहा है।
– वीएन सिंह राठौड़, सहायक प्रबंधक, राजफैड
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