इस मुकद्दस माह में हर मुस्लिम इबादत कर खुदा से अपने गुनाहों की माफी चाहता है। इस साल रोजे करीब 15 घंटे के होंगे। पहली सेहरी 4 बजकर 19 मिनट पर खत्म होगी जबकि इफ्तारी शाम 7 बजकर 13 मिनट पर होगी। शनिवार सुबह 4.18 बजे सेहरी खत्म होगी। माहे रमजान का चांद दिखाई देने के साथ ही मुस्लिम समुदाय के लोगों ने घर-परिवार, रिश्तेदारों को मुबारकबाद दी। सेहरी के वक्त बनाई जाने वाली खीर और जरूरी खाद्य सामग्री खरीदने के लिए गुरुवार को दिनभर बाजारों में भी मुस्लिम महिलाओं की भीड़ रही।
READ MORE : VIDEO : मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रखा पहला रोजा, फिर पढ़ी जुम्मे की नमाज बरकत और रहमत बरसेगी पूरे माह –-पवित्र रहमत और बरकत से भरा माहे रमजान मोहब्बत और भाईचारे का संदेश देने वाले इस्लाम के सार तत्व को भी जाहिर करता है।
– माहे रमजान अल्लाह से
प्यार और लगन जाहिर करने के साथ ही खुद को खुदा की राह की सख्त कसौटी पर कसने का मौका देने वाला माह है।
– अल्लाह ने इसी माह में दुनिया में कुरान शरीफ को उतारा था जिससे लोगों को इल्म और तहजीब की रोशनी मिली।
– रोजा न सिर्फ भूख और प्यास बल्कि हर निजी ख्वाहिश पर काबू करने की कवायद है। इससे संयम और त्याग की भावना मजबूत होती है।
– रमजान के महीने में हर रोजेदार बहुत खास होता है और खुदा उसे अपने हाथों से बरकत और रहमत नवाजता है।