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उदयपुर

रामकथा सुनने से मिलते हैं संस्कार

धार्मिक आयोजनों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

उदयपुरJan 06, 2019 / 11:58 pm

Sushil Kumar Singh

udaipur

रामकथा सुनने से मिलते हैं संस्कार

उदयपुर. उदियापोल अग्रसेन भवन, अग्रसेन नगर में चल रही संगीतमय रामकथा के ८वेें दिन पुष्कर दास महाराज ने कहा कि कर्म तीन प्रकार के है। प्रारब्ध,संचित और क्रियमान जो हर जीवात्मा के पीछे लगे हुए हैं। व्यक्ति कर्म करके भूल जाता है, लेकिन देर सवेर वो कर्म सुख दुख के रूप में मिलता है, जिनके घर भगवान राम अवतरित होकर आते है उन्हें भी कर्म का फल भोगना पड़ा। कथा में केवट का प्रसंग, शबरी के प्रसंग की महिमा का वर्णन करते हुए महाराज ने कहा कि इन सब की निष्काम भक्ति थी, जबकि आज के समय में सकाम भक्ति ज्यादा होती है। इसलिए मनचाहा मिलने पर भी लोगों को शांति नहीं है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नारायण सेवा संस्थान के कैलाश मानव थे। रामकथा की पूर्णाहुति रविवार दोपहर १२ बजे होगी।
कृष्ण-रूकमणि विवाह
सीसारमा में चल रही विष्णु महापुराण के तहत शनिवार को ८वें दिन कथा में बाल संत प्रियांशु महाराज ने कृष्ण रूकमणि हरण कथा का विस्तार सुनाया। प्रारंभ में व्यास पूजन सोहनलाल ने किया। रविवार को विश्राम दिवस रहेगा। मां जानकी व छप्पन भोग की प्रसादी वितरित होगी।
पौषधशाला में जैनाचार्य का प्रवेश
जैनाचार्य रामेश का शनिवार को भड़भुजा घाटी स्थित पौषधशाला में बड़ी संख्या में मौजूद धर्मावलम्बियों की उपस्थिति में जयकारों के बीच प्रवेश हुआ। इस मौके पर आचार्य ने पंचायती नोहरे में आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सुदेव सुगुरु सुधर्म पर हमारी अटुट आस्था होनी चाहिए। इससे मन के उथल पुथल खत्म हो जाते हैं। संघ अध्यक्ष नरेश सिंघवी व मंत्री नानाला भंसाली की उपस्थिति में साध्वी सुशीला कंवर व साध्वी म्रगांक ने विचार व्यक्त किए।
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