क्षेत्र का दूसरा अहिरावण मेला
कानोड़ कस्बे में मेला शुरू करने से पहले बड़ीसादड़ी में राम-रावण मेला लगता था। बाद में उसकी तर्ज पर कस्बे में हनुमान-अहिरावण मेला का शुभारम्भ किया गया। किसी जमाने में जोशिला हनुमान मंदिर से बैण्डबाजों के साथ लक्ष्मण, अहिरावण, हनुमान व वानर सेना की झांकियों के साथ सवारी निकलती थी, जो मेला स्थल पहुुंचकर समाप्त होती थी । सवारी तो अब बंद हो गई लेकिन जोशिला हनुमान मंदिर पर कुछ वर्षो से अलग से कार्यक्रमों का आयोजन होने लगा है, हनुमान जयंती तक यहां छोटे मेले का आयोजन होता है । एक दिवसीय मेला दो दिवसीय हुआ। इसके बाद कुछ वर्षों से पालिका अध्यक्ष अनिल शर्मा सहित बोर्ड की पहल पर मेले को तीन दिवसीय किया गया।
कानोड़ कस्बे में मेला शुरू करने से पहले बड़ीसादड़ी में राम-रावण मेला लगता था। बाद में उसकी तर्ज पर कस्बे में हनुमान-अहिरावण मेला का शुभारम्भ किया गया। किसी जमाने में जोशिला हनुमान मंदिर से बैण्डबाजों के साथ लक्ष्मण, अहिरावण, हनुमान व वानर सेना की झांकियों के साथ सवारी निकलती थी, जो मेला स्थल पहुुंचकर समाप्त होती थी । सवारी तो अब बंद हो गई लेकिन जोशिला हनुमान मंदिर पर कुछ वर्षो से अलग से कार्यक्रमों का आयोजन होने लगा है, हनुमान जयंती तक यहां छोटे मेले का आयोजन होता है । एक दिवसीय मेला दो दिवसीय हुआ। इसके बाद कुछ वर्षों से पालिका अध्यक्ष अनिल शर्मा सहित बोर्ड की पहल पर मेले को तीन दिवसीय किया गया।