चित्तौडगढ़़ के भदेसर की इस दुष्कर्म पीडि़ता का वरिष्ठ चिकित्सकों की देखरेख में बाल आईसीयू में इलाज चल रहा है। मेडिकल बोर्ड में शामिल चिकित्सक डॉ. सुशील खेराड़ा, डॉ. सुशीला खोइवाल, डॉ.डी.डी. शर्मा, डॉ.बी.के.शर्मा व योगेश शर्मा ने बच्ची के स्वास्थ्य का निरीक्षण कर उसके स्वास्थ्य को पहले से बेहतर बताया। चिकित्सकों का कहना है कि संक्रमण फैलने की आशंका में बच्ची के बच्चेदानी को निकाला गया है। संक्रमण को रोकने व बच्ची की पीड़ा को कम करने के लिए यह अत्यावश्यक था लेकिन अब यह बच्ची कभी मां नहीं बन पाएगी।
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पुलिस जांच में पता चला कि बच्ची मां के साथ शादी समारोह में जाना चाहती थी। वह पीछे भी गई, लेकिन घर से बाहर दादी को आते देख मां ने उसे दादी के साथ जाने को कहा। दादी मां के भरोसे तथा मां दादी के भरोसे रह गई जिससे सुबह तक बच्ची का पता नहीं लग पाया।
पुलिस जांच में पता चला कि बच्ची मां के साथ शादी समारोह में जाना चाहती थी। वह पीछे भी गई, लेकिन घर से बाहर दादी को आते देख मां ने उसे दादी के साथ जाने को कहा। दादी मां के भरोसे तथा मां दादी के भरोसे रह गई जिससे सुबह तक बच्ची का पता नहीं लग पाया।
सिसकियों के आगे रुक नहीं रहे आंसू
आईसीयू में अभी बच्ची की देखरेख उसकी मां कर ही है। ऑपरेशन के बाद होश में आने के बाद से वह रोते हुए मां को ही पुकारती हुई, कभी पानी मांग रही है तो कभी कुछ और। मां ममता का हाथ फेरते हुए उसे दिलासा देने और उसका दर्द हरने का प्रयास कर रही है। बच्ची के सिसकियां के आगे मां-बाप के आंसू नहीं रुक रहे। बच्ची की कुशलक्षेम पूछने आने वालों से वे हाथ जोडकऱ आरोपी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई का आग्रह कर रहे हैं।