परिजनों ने बताया कि तरु को 6 सितंबर को तेज बुखार आया। 4 दिन तक घर पर ही उसका इलाज चला। 11 सितंबर को जब उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो उदयपुर के गीतांजलि हॉस्पिटल में उसकी जांच कराई गई। यहां जांच के बाद पता चला कि उन्हें डेंगू है। इसके बाद उसे 13 सितंबर को गीतांजलि हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। यहां उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो उसने चेन्नई के एमजीएम हॉस्पिटल के डॉक्टरों से संपर्क किया। 18 सितंबर को उन्हें एयरलिफ्ट कर चेन्नई ले गए। यहां 17 दिनों तक उनका इलाज चला और 5 अक्टूबर (शनिवार) को सुबह उनकी मौत हो गई।
कोटा में नर्सिंग छात्रा की डेंगू से मौत
इससे पहले, डेंगू से कोटा जिले के करवाड़ गांव में नर्सिंग छात्रा की मौत हो गई। मृतक छात्रा के पिता ने बताया कि उनकी बेटी कोटा के नयापुरा स्थित एएनएम ट्रेनिंग सेंटर से नर्सिंग कर रही थी। बुखार आने पर कोटा मेडिकल कॉलेज के नवीन चिकित्सालय में इमरजेंसी वार्ड में उन्हें भर्ती कराया। यहां इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि डेंगू ने मस्तिष्क पर असर किया।
राजस्थान में 5 हजार के पार पहुंचे डेंगू के मामले
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में डेंगू और स्क्रब टाइफस जैसी मच्छर जनित बीमारियों का प्रसार खतरनाक गति से हो रहा है। पिछले सात दिनों में डेंगू के मरीजों की संख्या में एक हजार से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। वर्तमान में यह संख्या 5 हजार के पार हो गई है। चिंताजनक बात यह है कि मच्छर जनित ये दोनों बीमारियां लोगों की जान भी ले रही हैं। लेकिन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों में कई मौतों को उजागर नहीं किया गया है। राजस्थान पत्रिका ने जब प्रदेश के जिलों से जानकारी जुटाई तो डेंगू से 6 मौतें बताई गई हैं। जबकि विभाग ने अपने आंकड़ों में सिर्फ एक मौत को उजागर किया है।