ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन की ओर से कलक्टर को दिए ज्ञापन में बताया कि चना दाल मई-जून के वितरण की दो किग्रा आई है। इसका इंद्राज पोस मशीन में भी किया गया है, लेकिन जिला रसद अधिकारी ने मौखिक आदेश दिया कि इस माह प्रति परिवार एक किग्रा दाल ही बांटनी है, जबकि एक किग्रा दाल जुलाई में देनी है। डीलर्स ने मांग की है कि डीएसओ और प्रवर्तन अधिकारी, स्टाफ को निर्देशित करें कि दाल वितरण संबंधी आदेश लिखित में जारी किए जाए।
डीलर्स का तर्क
वितरण के लिए आई दाल गीली है। एक माह तक पड़ी रहने पर सूखकर 50 किग्रा के बजाय 48 किग्रा ही रह जाएगी। वितरण में मात्रा कम होने पर डीलर को दोषी माना जाएगा, जबकि कम पड़ी मात्रा की भरपाई भी कोई नहीं करेगा। डीलर्स ने बताया कि प्रदेश के अन्य जिलों में एक साथ दो-दो किग्रा दाल बांटी जा रही है, लेकिन उदयपुर जिले में ही अलग निर्देश दिए गए हैं।
गड़बड़ी की आशंका
वितरण के लिए आई दाल गीली है। एक माह तक पड़ी रहने पर सूखकर 50 किग्रा के बजाय 48 किग्रा ही रह जाएगी। वितरण में मात्रा कम होने पर डीलर को दोषी माना जाएगा, जबकि कम पड़ी मात्रा की भरपाई भी कोई नहीं करेगा। डीलर्स ने बताया कि प्रदेश के अन्य जिलों में एक साथ दो-दो किग्रा दाल बांटी जा रही है, लेकिन उदयपुर जिले में ही अलग निर्देश दिए गए हैं।
गड़बड़ी की आशंका
दाल दो माह के लिए दी गई है। सरकार ने एक-एक किग्रा प्रतिमाह देने के आदेश दिए हैं। डीलर को प्रतिमाह एक-एक किग्रा वितरण में आपत्ति क्यों है। एक साथ दो किलो वितरण में गड़बड़ी हो सकती है। इसलिए एक-एक किग्रा वितरण के लिए कहा है।
ज्योति ककवानी, डीएसओ, उदयपुर
ज्योति ककवानी, डीएसओ, उदयपुर