उदयपुर

बागी बिगाड़ सकता है गणित, एनएसयूआई भी उलझी

छात्रसंघ चुनाव, पाबंदियों से चुनावी रंगत फीकी

उदयपुरAug 24, 2018 / 03:02 am

Manish Kumar Joshi

बागी बिगाड़ सकता है गणित, एनएसयूआई भी उलझी

उदयपुर . छात्रसंघ चुनाव में कड़ी पाबंदियों के चलते कॉलेजों में अब तक चुनावी रंगत फीकी है। इधर, टिकट नहीं मिलसे ने खफा एक उम्मीदवार के बागी होने से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की चुनावी गणित बिगाड़ सकते हैं। बगावत कर चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे सुखदेव डांगी के समर्थन में पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मयूरध्वज सिंह उतर आए हैं और निवर्तमान अध्यक्ष भवानीशंकर बोरीवाल को भी उनके खेमे में लाने की कोशिश हो रही है। यही नहीं मौजूदा उपाध्यक्ष दिनेश डांगी समेत परिषद के अन्य पदाधिकारी सुखदेव के समर्थन में है, जिन पर संगठन से इस्तीफा देने का दबाव बनाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि परिषद ने सुखाडि़या विश्वविद्यालय केन्द्रीय छात्रसंघ अध्यक्ष पद के लिए हिमांशु बागड़ी को प्रत्याशी बनाया है जिससे सुखदेव डांगी और निखिलराजसिंह नाराज हो गए। निखिलराज को भी सुखदेव के पक्ष में लाने की कवायद हो रही है। हालांकि परिषद अपने बागियों को मनाने का प्रयास कर रही है लेकिन यह नाकाम रहती है तो उसका चुनावी गणित गड़बड़ा सकता है।
परिषद पहले भी भुगत चुकी है नुकसान

सुविवि के छात्रसंघ चुनाव में परिषद को उसके बागियों ने कई बार नुकसान पहुंचाया है। हिमांशु चौधरी को जब टिकट नहीं मिला तो एनएसयूआई ने उस पर दांव खेलकर जीत हासिल की थी। इसके बाद मयूरध्वज सिंह का टिकट काटा तो वह निर्दलीय ही चुनाव लड़कर जीत गया। अब एबीवीपी के सामने फिर से बागी का संकट आ खड़ा हुआ है।
संगठन विरोधी को टिकट क्यों

एबीवीपी ने आट्र्स कॉलेज के हिमांशु को अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी बनाया है। एेसे में इस तर्क के साथ उसका विरोध शुरू हो गया है कि हिमांशु ने पहले भी संगठन के खिलाफ चुनाव में कार्य किया है। बागी बने सुखदेव का कहना है कि हिमांशु ने गत चुनाव में एनएसयूआई प्रत्याशी रौनक गर्ग का साथ दिया था। उसे टिकट देकर संगठन ने सात वर्ष से सेवा दे रहे कार्यकर्ता को दरकिनार कर दिया। सुखदेव कॉमर्स कॉलेज के छात्र हैं, जहां पर सर्वाधिक ४३९७ विद्यार्थी हैं जबकि आट्र्स कॉलेज में ३४५५ छात्र मतदाता हैं।
असमंजस में एनएसयूआई

दूसरी ओर, एनएसयूआई केन्द्रीय छात्रसंघ के अध्यक्ष को छोड़कर अन्य पदों पर दो से ज्यादा दावेदार होने से उलझन में है। वोट गणित के चलते एनएसयूआई अध्यक्ष प्रत्याशी पद पर भी घोषित नहीं कर पा रही है। विद्यार्थी परिषद में बगावत होती देखकर एनएसयूआई एेसे प्रत्याशी उतारने की कोशिश में है जो इस स्थिति का फायदा उठाकर जीत सकें। शुक्रवार को एनएसयूआई अपने पत्ते खोलते हुए महेश रोत या जितेश खटीक में से किसी एक को अध्यक्ष पद के लिए अपना प्रत्याशी बना सकती है। एनएसयूआई किसी बाहरी को भी प्रत्याशी बना सकती है, यह चर्चा भी तेज है।
दावेदार मेल मिलाप में व्यस्त
विद्यार्थी परिषद के प्रत्याशी हिमांशु ने अपने समर्थकों के साथ छात्रों से मेल-मिलाप किया, वहीं टिकट कट जाने से खफा सुखेदव और निखिलराजसिंह अपने-अपने समर्थकों के साथ बागी के तौर पर चुनाव मैदान में दमखम आजमाने की रणनीति बनाने में जुटे नजर आए। सभी दावेदार अधिकाधिक समर्थन पाने के लिए छात्रों की पूरी ताकत के साथ सेवा में जुट गए हैं।
एबीवीपी ने घोषित किए शेष प्रत्याशी
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी ) ने सुविवि केन्द्रीय छात्रसंघ उपाध्यक्ष पद के लिए महिपाल सिंह देवड़ा, महासचिव पद के लिए पदम सिंह देवड़ा और संयुक्त सचिव पद के लिए शिल्पा टांक को प्रत्याशी बनाया है। महानगर मंत्री सोहन डांगी ने यह घोषणा करते हुए कहा कि अध्यक्ष प्रत्याशी हिमांशु बागड़ी के साथ मिलकर सभी एक साथ प्रचार करेंगे। प्रांत सहमंत्री जयेश जोशी ने दावा किया है कि वर्ष भर छात्रों के बीच रहने वाले प्रत्याशी घोषित किए हैं जो सभी जीतकर आएंगे। इस दौरान प्रांत निजी विश्वविद्यालय संयोजक गजेन्द्र राणा, वेदांग अग्रवाल, गौरव शर्मा, सुभाष यादव, राजकुमार माली, धु्रव श्रीमाली आदि मौजूद रहे।
चुनाव के लिए समिति गठित
गुरुनानक कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव को लेकर प्राचार्य प्रो एन.एस राठौड़ ने समिति का गठन कर अनिल चतुर्वेदी छात्रसंघ परामर्शदाता नियुक्त किया। उपप्राचार्य डॉ अनुज्ञा पोरवाल, अनिता चौबीसा, डॉ अनिता पालीवाल, डॉ अनुराधा मालवीय, डॉ मीनल कोठारी, डॉ विनीता वार्मा और तजिंदर कौर को सदस्य नियुक्त किया। समिति लिंगदोह समिति की सिफारिशों की पालना सुनिश्चित करते हुए चुनाव प्रक्रिया पूर्ण करवाएगी।

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