लाल मिर्ची हुईऔर ‘तीखी
उदयपुरPublished: Nov 12, 2019 05:17:06 pm
पिछले एक पखवाड़े में 50 से 100 रुपए प्रति किलोग्राम बढ़ोतरीमहंगाई ने आम से खास के घरों का बिगाड़ा बजटएमपी व महाराष्ट्र में बारिश की भेंट चढ़ी मिर्च की फसलेंअहमदाबाद की सबसे बड़ी मिर्च मंडी से भी नहीं हो रही आवकनई मिर्ची की आवक नगण्य
उदयपुर. इस बार बारिश ने हालात एेसे पैदा कर दिए कि आम से खास तक के घर का बजट बिगड़ गया है। विभिन्न खाद्य सामग्री पर महंगाई की मार दिखाई दे रही है। प्याज, लहसुन और दालों के बाद अब मिर्ची भी ‘तीखीÓ हो गई है। एक पखवाड़े में लाल मिर्च के भावों में जबरदस्त उछाल आया है। दीपावली के बाद से हीे लगातार कीमतें बढ़ रही है। अब तक प्रति किलो ५० से १०० रुपए तक बढ़ गए है। गत वर्ष १५० रुपए प्रति क्रिग्रा बिकने वाली तेजा मिर्ची का भाव अब २५० रुपए, एमपी की केडीआर मिर्ची १६० रूपए प्रतिकिलो से बढ़कर २६० रूपए के पार पहुंच गए हैं। लम्बे अंतराल तक हुई बारिश ने खरीफ की फसलों के साथ-साथ मिर्ची की खेती को भी बर्बाद कर दिया है, जिससे इसके दामों में भी यकायक भारी उछाल आया है। मंडी व बाजार में पुराने स्टाक में पड़ी मिर्ची की ही मामूली बिक्री हो रही है, वह भी शादी-ब्याह के कारण। महंगाई की मार ने मिर्ची बाजार को बुरी तरह प्रभावित किया है। व्यापारी ग्राहकी के अभाव में सुस्ता रहे हैं। गत वर्ष नवम्बर में रोजाना सवीना कृषि उपज मंडी में १००० से अधिक बोरी मिर्ची आती थी। इस बार दीपावली के बाद नई मिर्ची की आवक नगण्य ही है।
उदयपुर की मंडी में अहमदाबाद, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र के नंदूरबार व आंध्रप्रदेश के गंटूर से मिर्ची की आवक होती है,लेकिन इस बार अभी तक नई मिर्ची की आवक हुई ही नहीं है। इन राज्यों में अक्टूम्बर तक हुई बारिश ने मिर्ची की खेती को तहस-नहस कर दिया है। रही-सही कसर बेमौसम की बरसात ने पूरी कर दी है। मिर्च व्यापारी भंवरलाल जैन ने बताया कि मिर्च की फसलें खराब होने से इनक ी कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है। फसलें खराब होने से बाजार में नई मिर्ची की आवक ही नहीं हो रही है। व्यापारी पुराने स्टाक में पड़ी मिर्ची ही बेच रहे है।