कई व्यावसायिक और औद्योगिक कार्य स्थलों पर बालश्रमिक काम करते नजर आते हैं। उन्हें मुक्त कराने और पुनर्वास की कार्रवाई बाल श्रमिक प्रतिषेध अधिनियम 1986, संशोधित अधिनियम 2016 के तहत की जाती है। बीते तीन साल में 4745 बाल श्रमिकों को मुक्त कराकर पुनर्वास कराया गया। इस काम में पुलिस-प्रशासन के साथ ही अन्य संबंधित महकमों और संस्थाओं की भागीदारी रही।
आंकड़ों में देखें 1651 : बाल श्रमिक वर्ष 2019 में छुड़वाए गए 1803 : बाल श्रमिक वर्ष 2020 में छुड़वाए गए 1291 : बाल श्रमिक वर्ष 2021 में छुड़वाए गए 4745 : बाल श्रमिक 3 साल में मुक्त करवाए
प्रदेशभर में यह रही तुलनात्मक स्थिति जिला - वर्ष 2019 - वर्ष 2020 - वर्ष 2021 अजमेर - 68 - 33 - 64 भीलवाड़ा - 48 - 19 - 26 नागौर - 24 - 30 - 42
टोंक - 09 - 11 - 31 जयपुर - 559 - 511 - 382 झुंझुनूं - 01 - 17 - 03 सीकर - 27 - 14 - 20 दौसा - 28 - 21 - 04
अलवर - 46 - 27 - 46 बीकानेर - 06 - 19 - 16 चुरू - 19 - 21 - 04 श्रीगंगानगर - 109 - 13 - 36 हनुमानगढ़ - 21 - 15 - 11
भरतपुर - 43 - 24 - 19 सवाईमाधोपुर - 21 - 19 - 13 धौलपुर - 12 - 10 - 19 करौली - 03 - 00 - 00 जोधपुर - 61 - 39 - 33
जालौर - 06 - 10 - 05 जैसलमेर - 14 - 09 - 03 बाड़मेर - 19 - 05 - 13 पाली - 48 - 52 - 29 सिरोही - 51 - 70 - 29
कोटा - 11 - 33 - 17 बूंदी - 27 - 17 - 09 झालावाड़ - 60 - 32 - 13 बारां - 04 - 01 - 03 उदयपुर संभाग में स्थिति
जिला - वर्ष 2019 - वर्ष 2020 - वर्ष 2021 उदयपुर - 154 - 418 - 262 बांसवाड़ा - 44 - 38 - 23 चित्तौडग़ढ़ - 40 - 22 - 19
डूंगरपुर - 25 - 168 - 42 राजसमंद - 23 - 48 - 32 प्रतापगढ़ - 20 - 37 - 23 यह भी पढ़ें... महिला चित्रकारों ने चलाई कूंची, रंगों ने लिया कृतियों का रूप
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