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दिलों को मिली राहत, बोला हर कोई है आहत

locationउदयपुरPublished: Sep 30, 2018 02:47:31 am

Submitted by:

Sushil Kumar Singh

विश्व हृदय दिवस पर चिकित्सा संस्थानों में हुए आयोजन, गीतांजली मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल व फोर्टिस जेके हॉस्पिटल में पहुंचे हृदय रोगी

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दिलों को मिली राहत, बोला हर कोई है आहत

डॉ. सुशीलसिंह चौहान/ उदयपुर. विश्व हृदय दिवस पर मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालयों में आयोजनों के माध्यम से हृदय रोगियों को संदेश देने के साथ जागरूकता की सीख दी गई। आरएनटी मेडिकल कॉलेज के कॉर्डियक विभाग में आयोजन हुए तो गीतांजली मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में मरीजों की सार संभार को लेकर नि:शुल्क शिविर के माध्यम से मरीजों के हृदय की जांच की गई। फोर्टिज हॉस्पिटल में भी शिविर के माध्यम से रोगियों को जागरूकता का पाठ पढ़ाया गया।
फोर्टिस जेके हॉस्पिटल के कार्डियक साइंस विभाग की ओर से आयोजित संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने विचार व्यक्त किए। कार्डियोलॉजी विभाग के हेड डॉ. सीपी पुरोहित ने कहा कि विश्व ह्रदय दिवस 2018 की थीम ‘माई हार्ट योर हार्टÓ को आधार मानकर कार्डियोंवास्कूलर बीमारियों के लिए विश्वभर में हृदय रोग जोखिम को लेकर जागरूकता का संदेश दिया जाता रहा है। हर साल दुनिया भर में 17.5 मिलियन मौतों का कारण हृदय रोग से जुड़ी बीमारियां हैं। विश्व में सबसे अधिक मृत्यु का कारण ही हृदय रोग है। यह हृदय की प्रमुख धमनियों में ब्लॉकेज के कारण होता है। धमनियों में रक्त के प्रवाह को बनाए रखने के लिए खानपान व दिनचर्या में बदलाव करना जरूरी होता है।
आए दिन सुनने में आता हैं कि अमुक व्यक्ति के 70-80 प्रतिशत ब्लॉकेज है। सवाल उठता है कि यह ब्लॉकेज क्या है? दरअसल जब हृदय तक रक्त पहुंचाने वाली रक्त वाहिनियों में जमाव हो जाता है तो इसे ब्लॉकेज कहते हैं। जब यह जमाव 70 प्रतिशत से अधिक हो जाता हैं तो व्यक्ति को छाती मेें बायी ओर दर्द होने लगता हैं इस जटिलता में धमनियों में रक्त के कतरे जम जाते हैं। इस तरह हृदय तक खून व ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती। हृदय की मांसपेशियां मरने लगती हैं। हृदय कमजोर हो जाता है, इस वजह से सांस फूलना, पैर और मुंह पर सूजन आना, हृदय गति का अधिक तेज होना जैसे लक्षण होने लगते हैं।
ब्लॉकेज को पता करने की विधि को कार्डियक कैथेटराइज़ेशन, कार्डियक कैथ या कोरोनरी एंजियोग्राम भी कहते हैं। कार्डियेक एंजियोग्राफी के दौरान हृदय की रक्त धमनियों में कैथेटर (एक ट्यूब) के माध्यम से आपके हाथ या जांध (ग्रॉइन) की रक्त-धमनी के सबसे ऊपरी हिस्से द्वारा कैथेटर डाला जाता है इसे हृदय तक पहुंचाया जाता है। कैथेटर के माध्यम से डाई डाली जाती है तथा एक्स-रे लिए जाते हैं। रक्त धमनियों के संकरा होने को कारण सीने में दर्द या हृदय आघात हो सकता है। यदि आपके हृदय की रक्त धमनियां संकरी हैं तो कार्डियक एंजियोप्लास्टी किया जा सकता है, इसे पीटीसीए (परकुटेनियस ट्रांसलुमिनल कोरोनरी एंजियोप्लास्टी) या बैलून एंजियोप्लास्टी भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से रक्त प्रवाह बेहतर बनाने के लिए कैथेटर के अन्दर से बैलून ले जाकर रक्त-धमनी खोला जाता है। रक्त-धमनी को खुला रखने के लिए एक स्टेंट लगाया जा सकता है, यह एक छोटा, तार की नली नुमा उपकारण होता है। अत्याधुनिक चिकित्सा पद्वति में दवा वाले स्टेंट का उपयोग किया जाता है जिससे पुन: ब्लॉकेज की सम्भावना कम हो जाती है।
हृदय रोग शिविर में रोगी लाभान्वित
गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर की ओर से विश्व हृदय रोग दिवस पर आयोजित हृदय रोग चिकित्सा शिविर में उदयपुर और आस-पास के क्षेत्र डूंगरपुर, बांसवाड़ा, सिरोही, पाली, राजसंमद, चित्तौडग़ढ़, भीलवाड़ा, नीमच, मंदसौर से आए लगभग 295 रोगी लाभान्वित हुए। शिविर में हृदय रोग विशेषज्ञ कार्डियोलोजिस्ट डॉ कपिल भार्गव, डॉ रमेश पटेल, डॉ डैनी कुमार व डॉ शलभ अग्रवाल एवं कार्डियक थोरेसिक वेसक्यूलर सर्जन डॉ संजय गांधी ने नि:शुल्क परामर्श दिया। इस अवसर पर रोगियों को ईसीजी, लिपिड प्रोफाइल, ईकोकार्डियोग्राफी एवं टीमएमटी जांचें रियायती दरों पर उपलब्ध कराई गई। साथ ही सभी रोगियों का ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर जाँचें नि:शुल्क की गई।
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