हॉस्पिटल ने दो किस्तों में पीडब्ल्यूडी को तीन करोड़ १२ लाख रुपए दे रखे हैं। एक करोड़ रुपए दिए हुए तो एक वर्ष हो गया, जबकि गत सात मार्च को भी अन्य राशि दी थी। इसके बावजूद विभाग टस से मस नहीं हो रहा था। गत ३० अगस्त को मटून निवासी लोकेन्द्रसिंह देवड़ा परिजन को उपचार के लिए लेकर पहुंचा था। आउटडोर में उसके सिर पर छत से पूरा ब्लॉक गिर पड़ा। इसके बाद देवड़ा की मरहम पट्टी तो कर दी गई, लेकिन हॉस्पिटल के स्थिति की पोल खुलकर सामने आ गई थी।
—- कलक्टर ने लगाई फटकार मामले को लेकर जिला कलक्टर ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई, इसके बाद विभाग की ओर से ये काम शुरू किया गया है। —-
हां, पीडब्ल्यूडी ने फिलहाल जीर्णोद्धार का काम शुरू कर दिया है, जहां-जहां की स्थिति ठीक नहीं है, उसे बेहतर करने के लिए स्थान भी चिह्नित किए जा रहे हैं।
डॉ लाखन पोसवाल, अधीक्षक महाराणा भूपाल हॉस्पिटल
डॉ लाखन पोसवाल, अधीक्षक महाराणा भूपाल हॉस्पिटल
— हम प्राथमिकता से काम कर रहे हैं, अधीक्षक से भी राय लेकर काम कर रहे हैं। जो बेहद जरूरी है इसे पहले पूरा कर रहे हैं। बाथरूम व गलियारों की खिड़कियों के टूटे ग्रिल, वायर गेज शुरुआत में ही ठीक करेंगे ताकि कोई हादसा नहीं हो।
रमेश मेहता, एक्स-इ-एन पीडब्ल्यूडी उदयपुर
रमेश मेहता, एक्स-इ-एन पीडब्ल्यूडी उदयपुर