अपने स्तर पर की शिक्षकों की व्यवस्था
कुछ विद्यालयों में जनसहयोग से निजी स्तर पर विषय अध्यापक लगाए गए ताकि बोर्ड कक्षाओं का परिणाम सुधर जाए। कुछ स्कूलों में संस्था प्रधानों ने बच्चों और अभिभावकों से राशि एकत्रित करके एक दो महीने के लिए निजी स्तर पर शिक्षकों की व्यवस्थाएं की है।
कुछ विद्यालयों में जनसहयोग से निजी स्तर पर विषय अध्यापक लगाए गए ताकि बोर्ड कक्षाओं का परिणाम सुधर जाए। कुछ स्कूलों में संस्था प्रधानों ने बच्चों और अभिभावकों से राशि एकत्रित करके एक दो महीने के लिए निजी स्तर पर शिक्षकों की व्यवस्थाएं की है।
पीईईओ से कहा व्यवस्था देखें
बीकानेर व जिला मुख्यालय से पीईईओ से मौखिक तौर पर कहा गया है कि अपने क्षेत्र में जहां कहीं विषय अध्यापक की कमी है तो वहां आसपास के अन्य जगह पर मौजूद शिक्षक को वैकल्पिक तौर पर लगाएं। ताकि दोनों विद्यालयों में बोर्ड कक्षाओं का कोर्स पूरा हो जाए।
बीकानेर व जिला मुख्यालय से पीईईओ से मौखिक तौर पर कहा गया है कि अपने क्षेत्र में जहां कहीं विषय अध्यापक की कमी है तो वहां आसपास के अन्य जगह पर मौजूद शिक्षक को वैकल्पिक तौर पर लगाएं। ताकि दोनों विद्यालयों में बोर्ड कक्षाओं का कोर्स पूरा हो जाए।
इनका कहना है
जिन विद्यालयों में विषय अध्यापक नहीं है, वहां वैकल्पिक शिक्षक लगाने के लिए पीईईओ को कह रखा है। डीपीसी के जरिए कुछ रिक्त पदों की पूर्ति की गई लेकिन अब भी कुछ जगह पद खाली है लेकिन कोर्स पूरा करवाने पर कुछ शिक्षकों की मदद ली जा रही है।
जिन विद्यालयों में विषय अध्यापक नहीं है, वहां वैकल्पिक शिक्षक लगाने के लिए पीईईओ को कह रखा है। डीपीसी के जरिए कुछ रिक्त पदों की पूर्ति की गई लेकिन अब भी कुछ जगह पद खाली है लेकिन कोर्स पूरा करवाने पर कुछ शिक्षकों की मदद ली जा रही है।
शिवजी गौड़, संयुक्त निदेशक, स्कूल शिक्षा उदयपुर