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यह बात ताइवान यात्रा से लौटे मेयर चन्द्रसिंह कोठारी ने गुरुवार को राजस्थान पत्रिका से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि उदयपुर के प्रोजेक्ट्स को लेकर ताइवान से अच्छे आइडिया मिले हैं। इन्हें भी यहां अप्लाई करेंगे। मेयर ने कहा कि ताइवान में ट्रेंचिंग ग्राउण्ड को प्लांटेशन करने के साथ ही इस तरह तैयार किया गया है कि वह पर्यटन स्थल बन गया है। वहां सौर ऊर्जा के पैनल भी लगा रखे है ताकि बिजली की खपत भी उसी से पूरी हो जाए। उसी तर्ज पर हमारे तीतरड़ी ट्रेंचिंग ग्राउण्ड पर प्लांटेंशन का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। ताइवान के अनुसार कुछ नई चीजें जोडक़र उसे विकसित करेंगे। ताइवान में चिकित्सालय के बाहर रोड पार करने के लिए मरीजों और परिजनों के लिए बेहतर व्यवस्था है, जेब्रा कॉसिंग भी है। यहां एमबी चिकित्सालय के बाहर फुट ओवर ब्रिज बनाने पर हम पहले ही चर्चा कर चुके हैं। अब इस पर जल्दी काम करेंगेे।
यह बात ताइवान यात्रा से लौटे मेयर चन्द्रसिंह कोठारी ने गुरुवार को राजस्थान पत्रिका से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि उदयपुर के प्रोजेक्ट्स को लेकर ताइवान से अच्छे आइडिया मिले हैं। इन्हें भी यहां अप्लाई करेंगे। मेयर ने कहा कि ताइवान में ट्रेंचिंग ग्राउण्ड को प्लांटेशन करने के साथ ही इस तरह तैयार किया गया है कि वह पर्यटन स्थल बन गया है। वहां सौर ऊर्जा के पैनल भी लगा रखे है ताकि बिजली की खपत भी उसी से पूरी हो जाए। उसी तर्ज पर हमारे तीतरड़ी ट्रेंचिंग ग्राउण्ड पर प्लांटेंशन का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। ताइवान के अनुसार कुछ नई चीजें जोडक़र उसे विकसित करेंगे। ताइवान में चिकित्सालय के बाहर रोड पार करने के लिए मरीजों और परिजनों के लिए बेहतर व्यवस्था है, जेब्रा कॉसिंग भी है। यहां एमबी चिकित्सालय के बाहर फुट ओवर ब्रिज बनाने पर हम पहले ही चर्चा कर चुके हैं। अब इस पर जल्दी काम करेंगेे।
पैदल चलें, साइकिल चलाएं
कोठारी के अनुसार पर्यावरण संरक्षण पर हुई चर्चा में इस बात पर जोर था कि सडक़ों पर गाडिय़ों की संख्या कम हो। गाडिय़ां नहीं चलें, इसके लिए लोग पैदल चलें या साइकिलों पर जाएं। वहां ऐसी ही गतिविधियों को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। वहां बताए एक सर्वे में सामने आया कि 80 प्रतिशत सडक़ हादसे बाइक व स्कूटर से होते हैं। वाहनों की गति सीमा नियंत्रित करने पर भी जोर दिया गया।
कोठारी के अनुसार पर्यावरण संरक्षण पर हुई चर्चा में इस बात पर जोर था कि सडक़ों पर गाडिय़ों की संख्या कम हो। गाडिय़ां नहीं चलें, इसके लिए लोग पैदल चलें या साइकिलों पर जाएं। वहां ऐसी ही गतिविधियों को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। वहां बताए एक सर्वे में सामने आया कि 80 प्रतिशत सडक़ हादसे बाइक व स्कूटर से होते हैं। वाहनों की गति सीमा नियंत्रित करने पर भी जोर दिया गया।