REDE MORE : विनोद माली हत्याकांड…पति को ठिकाने लगाकर प्रेमी संग घर बसाना चाहती थी मोनिका, पहले तो अनजान बन किए नाटक, फिर स्वीकार किया जुर्म
तत्कालीन उपाधीक्षक (गिर्वा) रानू शर्मा के नेतृत्व में टीम ने 5 अपे्रल 2015 उदय पैलेस होटल में छापा मारकर ८५ जनों को पीटा एक्ट में गिरफ्तार किया था। बाद में प्रशासन ने नोटिस देकर होटल को सीज कर दी थी। पुलिस ने पीटा एक्ट में कार्रवाई के अलावा होटल में करीब सात पेटी शराब बरामद कर आबकारी अधिनियम में भी मामला दर्ज किया था। दोनों ही मामले में होटल मालिक पंकज व नीलिमा बंसल ने हाईकोर्ट में रिट दायर की थी। कार्रवाई में पकड़ में आए अधिवक्ता सार्दूलङ्क्षसह ने पुलिस उच्चाधिकारियों व जन प्रतिनिधियों के अलावा मानवाधिकार आयोग में भी शिकायत की थी। न्यायालय से राहत मिलने के बाद सार्दूलसिंह व बंसल ने अधिवक्ता जयकृष्ण दवे व कमलेश दवे की मौजूदगी में बताया कि पुलिस अधिकारियों को मामले में निष्पक्ष अनुसंधान नहीं किया जिससे ८५ जनों को न्यायिक अभिरक्षा भुगतनी पड़ी। मामले में न्यायिक एवं विधिक प्रक्रिया भी नहीं अपनाई गई। इधर, सार्दूलसिंह ने पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए न्यायालय में अलग से इस्तगासा भी पेश कर रखा है।
तत्कालीन उपाधीक्षक (गिर्वा) रानू शर्मा के नेतृत्व में टीम ने 5 अपे्रल 2015 उदय पैलेस होटल में छापा मारकर ८५ जनों को पीटा एक्ट में गिरफ्तार किया था। बाद में प्रशासन ने नोटिस देकर होटल को सीज कर दी थी। पुलिस ने पीटा एक्ट में कार्रवाई के अलावा होटल में करीब सात पेटी शराब बरामद कर आबकारी अधिनियम में भी मामला दर्ज किया था। दोनों ही मामले में होटल मालिक पंकज व नीलिमा बंसल ने हाईकोर्ट में रिट दायर की थी। कार्रवाई में पकड़ में आए अधिवक्ता सार्दूलङ्क्षसह ने पुलिस उच्चाधिकारियों व जन प्रतिनिधियों के अलावा मानवाधिकार आयोग में भी शिकायत की थी। न्यायालय से राहत मिलने के बाद सार्दूलसिंह व बंसल ने अधिवक्ता जयकृष्ण दवे व कमलेश दवे की मौजूदगी में बताया कि पुलिस अधिकारियों को मामले में निष्पक्ष अनुसंधान नहीं किया जिससे ८५ जनों को न्यायिक अभिरक्षा भुगतनी पड़ी। मामले में न्यायिक एवं विधिक प्रक्रिया भी नहीं अपनाई गई। इधर, सार्दूलसिंह ने पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए न्यायालय में अलग से इस्तगासा भी पेश कर रखा है।
पुलिस के कब्जे में कैसे बरामद हुई शराब
अधिवक्ता जयकृष्ण दवे ने बताया कि रेव पार्टी के नाम पर की गई कार्रवाई के बाद तहसीलदार ने ९०-ए में कार्रवाई करते हुए तुरंत फुरत नोटिस जारी कर होटल को सीज कर दी जबकि तहसीलदार को यह अधिकार ही नहीं था। इसके बाद पुलिस व प्रशासन ने वहां अपने गार्ड तैनात किए लेकिन एक माह के बाद वहां से सात पेटी शराब बरामद की गई। पुलिस व प्रशासन ने कार्रवाई के दौरान पूरी होटल की जांच की थी, इसके बाद उनके खुद के कब्जे में होने पर शराब कैसे बरामद हुई समझ से परे है। होटल के संबंध में हाईकोर्ट ने रिलीज करने संबंधी आदेश जारी किए।
अधिवक्ता जयकृष्ण दवे ने बताया कि रेव पार्टी के नाम पर की गई कार्रवाई के बाद तहसीलदार ने ९०-ए में कार्रवाई करते हुए तुरंत फुरत नोटिस जारी कर होटल को सीज कर दी जबकि तहसीलदार को यह अधिकार ही नहीं था। इसके बाद पुलिस व प्रशासन ने वहां अपने गार्ड तैनात किए लेकिन एक माह के बाद वहां से सात पेटी शराब बरामद की गई। पुलिस व प्रशासन ने कार्रवाई के दौरान पूरी होटल की जांच की थी, इसके बाद उनके खुद के कब्जे में होने पर शराब कैसे बरामद हुई समझ से परे है। होटल के संबंध में हाईकोर्ट ने रिलीज करने संबंधी आदेश जारी किए।
इन बिन्दुओं को बनाया आधार
रेव पार्टी में काफी शराब परोसी गई लेकिन मौके से कोई शराब जब्त नहीं हुई, न ही किसी की जांच करवाई।
एफआईआर में बोगस ग्राहक मंगेजाराम व बसंतीलाल ने होटल के अंदर से उपाधीक्षक रानू शर्मा को मिस्ड कॉल करन बताया, लेकिन एफआईआर व बयानों में नहीं बताया कि किस मोबाइल नम्बर से किस नम्बर पर कॉल किया।
रेव पार्टी में काफी शराब परोसी गई लेकिन मौके से कोई शराब जब्त नहीं हुई, न ही किसी की जांच करवाई।
एफआईआर में बोगस ग्राहक मंगेजाराम व बसंतीलाल ने होटल के अंदर से उपाधीक्षक रानू शर्मा को मिस्ड कॉल करन बताया, लेकिन एफआईआर व बयानों में नहीं बताया कि किस मोबाइल नम्बर से किस नम्बर पर कॉल किया।
बंसल ने उपाधीक्षक व कांस्टेबलों की कॉल डिटेल व कॉल लोकेशन के संबंध में न्यायालय में प्रार्थना पत्र भी पेश किया लेकिन अनुसंधान अधिकारी ने जवाब दिया कि यह आवश्यक नहीं की पुलिसकर्मी मौके पर मोबाइल लेकर गए जबकि पूरी कार्रवाई मोबाइल पर आधारित थी। मामले में चालान पेश करने पर अधिवक्ता कमलेश दवे ने भी पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध न्यायालय में परिवाद पेश किया गया। इस संबंध में न्यायालय ने पुलिस अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।