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दावा : 24 घंटे जांच, हकीकत : रात में भर्ती मरीजों के नमूनों की भी नहीं होती जांच

locationउदयपुरPublished: Oct 16, 2017 05:59:37 pm

Submitted by:

Sushil Kumar Singh

आरएनटी मेडिकल कॉलेज का मामला, शाम 7.30 बजे सेंट्रल लैब ग्राउंड फ्लोर में टेक्नीशियन नहीं

mb hospital
डॉ. सुशील कुमार सिंह/ उदयपुर . आरएनटी मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित सेंट्रल लैब में अंधेरगर्दी पसरी हुई है। जिम्मेदारों की गैर-जवाबदेही से चरमराई व्यवस्थाओं से मरीजों एवं उनके परिजनों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जांच रिपोर्ट के लिए घंटों तक कतार में खड़े रहने वालों को जवाब देने के लिए लैब टेक्नीशियन (एलटी) तक नहीं मिलता। गंभीर रोगी के नमूने वार्ड में ही लेने जैसी सुविधाएं शाम 6 बजे बाद बंद हो जाती है। प्रशिक्षित लैब टेक्निशियन के बदले संविदा पर नियुक्त सफाईकर्मी यूरिन जैसी जांच रिपोर्ट बनाने में लगे रहते हैं।

मरीजों की शिकायत पर राजस्थान पत्रिका ने रविवार शाम 7 बजे पड़ताल की तो हालात बहुत ही गंभीर मिले। ग्राउंड फ्लोर पर लगा एलटी गायब था। उसकी सीट पर पैथोलॉजी विभाग का एलटी उसकी ड्यूटी छोडकऱ बैठा था। इसके अलावा पहली मंजिल पर बायो केमेस्ट्री, द्वितीय तल पर पैथालॉजी और तीसरे तल पर माइक्रो बायोलॉजी विभाग में सन्नाटा पसरा था। एक मात्र रेजीडेंट मलेरिया रोगियों की स्लाइड लेने में डटा था। इसके अलावा पूरी लैब के सभी तलों में बंद दरवाजों में हर सीट खाली थी। पत्रिका टीम के पहुंचते ही ग्राउंड फ्लोर पर कम्प्यूटर कक्ष में बैठे ऑपरेटर कैमरे की हलचल के साथ ही मरीजों को रिपोर्ट देने में सक्रिय हो गए। मरीजों की शिकायत पर नर्सिंग ड्यूटी इंचार्ज मो. इलियास सेंट्रल लैब पहुंचे। इनके पहुंचने के बाद रात 8:20 बजे दो लेब टेक्नीशियन काउंटर पर आए और मरीजों के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे।

20 फीसदी मरीजों की रिपोर्ट गायब : करीब 20 फीसदी मरीज के परिजनों को यहां अधिकतर मौकों पर रिपोर्ट नहीं मिल पाती। उन्हें कम्प्यूटर काउंटर से जवाब मिलता है कि रिपोर्ट आई नहीं। बल्क में होने वाली जांच रिपोर्ट में बहुतायत जांच रिपोर्ट उल्टी-पुल्टी होकर दूसरे मरीजों के पास पहुंच जाती है।

जिम्मेदारों से नहीं मिला रेस्पोंस: घंटों से जांच रिपोर्ट का इंतजार करते मरीजों की कतार और शाम 7.30 बजे पसरे सन्नाटे को लेकर पत्रिका टीम ने जिम्मेदारों से बातचीत करनी चाही तो ग्राउंड फ्लोर सेंट्रल लैब कलेक्शन प्रभारी राम मेघवाल और लैब प्रभारी डॉ. सुनीता भार्गव का मोबाइल नो रेस्पोंस मिला। प्राचार्य डॉ. डीपी सिंह का मोबाइल नोट रिचेबल बता रहा था।

भर्ती मरीजों के लिए 24 घंटे सुविधा
भर्ती मरीजों के लिए सेंट्रल लैब के हर समय संचालन की सुविधा है। कुछ सुविधाएं लैब प्रभारी के स्तर पर तय होती हैं। लैब सूनी पड़ी है और मरीज परेशान हो रहे हैं, यह सूचना मुझे नहीं मिली। मामले में प्राचार्य से बातचीत कर हल निकालेंगे।
डॉ. विनय जोशी, अधीक्षक, एमबी हॉस्पिटल

जाने स्टाफ और उनकी हकीकत
बायो केमेस्ट्री विभाग
– 6-7 डेमोस्ट्रेटर द्य 12-13 परमानेंट सीनियर टेक्नीशियन
– 7-8 लैब टेक्नीशियन
– 4 सफाईकर्मी लैब टेक्नीशियन का कार्य करते हैं।
माइक्रोबायोलॉजी विभाग
– सुबह 9 से 6 बजे तक ही मरीज को सेवाएं देते हैं।
– इस विभाग में एक भी एलटी संविदा पर नहीं।
– 24 घंटे सेवा के नियम ताक में रखकर रात्रि शिफ्ट का कोई धणीधोरी नहीं।
– 6 बजे के बाद मरीज को संबंधित जांच के लिए निजी लैब में जाना पड़ता है।
पैथोलॉजी विभाग
– 5 परमानेंट एलटी। द्य 8 एलटी संविदा पर सेवारत।
– रात्रि पारी में 2 का स्टाफ।
– संविदा पर लगे 12 में से 6 सफाईकर्मी एलटी का कार्य करते हैं।
ग्राउंड फ्लोर सेंट्रल लैब
– करीब 10 एलटी सेवारत। द्य संविदा पर करीब 4 एलटी सेवारत
– यूरिन जैसी साधारण जांच के लिए रात 8 बजे बाद कोई धणीधोरी नहीं।
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