उदयपुर

VIDEO: लापरवाही का ऐसा आलम, सार्वजनिक धर्मशाला में दवा की ‘खुली’ दुकान, आरएनटी मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित ड्रग हाउस का मामला

उदयपुर. रवींद्रनाथ टैगोर राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के ड्रग वेयर हाउस की सप्लाई वाली सरकारी दवाइयों के संधारण को लेकर अनदेखी हो रही है।

उदयपुरMar 14, 2018 / 12:18 pm

madhulika singh

उदयपुर . रवींद्रनाथ टैगोर राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के ड्रग वेयर हाउस की सप्लाई वाली सरकारी दवाइयों के संधारण को लेकर अनदेखी हो रही है। सार्वजनिक सेठ रामेश्वरलाल सहारिया धर्मशाला को ही दवाइयों की खुली दुकान बना दिया है। निर्धारित मानदण्डों को दरकिनार कर रखी गई दवाइयां यहां आम आदमी की आसान पहुंच में हैं, जिससे संक्रमण बढऩे की आशंका है। करीब 3 माह से सार्वजनिक धर्मशाला के खुले हॉल में दवाइयां खुले में है। इन दवाइयों को बहुत से पैकेट्स आम लोगों की ओर से खोले जा चुके हैं तो बहुत से कर्टन को चूहों ने काट भी दिया है।
 

लापरवाही का खेल
आमजन दवाइयों के ही समीप रात्रि विश्राम करते हैं। उनके साथ आए बच्चे दवाइयों के कर्टन को फाड़ देते हैं। 24 घंटे खुले रहने वाली धर्मशाला में चिकित्सालय के चूहों का भी आना-जाना रहता है। दवाइयों का स्टोर भी 7 कर्टन की ऊंचाई तक हुआ है। दीवार से दूरी के भी कायदे नहीं रखे गए।

कहता है कायदा
प्रदेश सरकार स्तर पर जारी नीले रंग की पुस्तिका में दवाइयों के संधारण को लेकर कुछ कायदे बनाए गए हैं। इसके तहत स्टोर प्रबंधन कहता है कि दवाइयों और ग्लूकॉज ड्रिप व बोतलों को निर्धारित तापमान में रखा जाना चाहिए।
 

दवाइयों के स्टोर में अधिकतम 4 कर्टन की ऊंचाई होनी चाहिए। दवा को खुला रखने की बजाय आम आदमी की पहुंच से दूर रखना चाहिए। वाइयों के कर्टन को जमीन से करीब 6-8 इंच ऊपर रखा जाना चाहिए। इसी तरह दीवार से इन कर्टन की दूरी भी 10 इंच तक होनी चाहिए। वजह साफ है कि ग्लूकॉज के भीतर की मीठास कीड़े-मकोड़ों और चूहों को आकर्षित करती है। अवांछित व्यक्ति की दुर्भावना जैसी आशंकाओं के बीच इसकी सुरक्षा भी होनी चाहिए।
 


अस्पताल की सप्लाई
मेडिकल कॉलेज ड्रग वेयर हाउस ने इन दवाइयों की सप्लाई चिकित्सालय को की थी। शायद स्टोर में जगह
के अभाव में यहां रखवाई गई होगी।
डॉ. दीपक सेठी, प्रभारी अधिकारी, आरएनटीएमसी औषधि भण्डार

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