यह भवन अब रोडवेज कर्मचारियों के विश्राम कक्ष और अन्य कार्यालयी कार्यों के लिये काम में लिया जायेगा। इस मोके पर गृहमंत्री कटारिया ने साल 2017 के दौरान उदयपुर में पर्यटकों, शहरवासियों और कर्मचारियों की सुविधाओं में विस्तार के लिये अहम बताया। कटारिया ने साफ किया पुरे वर्ष यह कोशिश की गई हैं कि पर्यटन स्थलों के विकास के साथ साथ अन्य क्षेत्रों में सुविधाओं को बढाया जायेगा।
READ ALSO: एक-एक बिल चढ़ाना भूलो, एक साथ अपलोड करो डाटा उदयपुर . व्यापारियों को अपनी खरीद के एक-एक बिल का डाटा जीएसटी पोर्टल पर अपलोड करने की मगजमारी से मुक्ति मिल गई है। व्यापारी अब सीधे ही जेसन में ऑफलाइन डाटा चढ़ाकर एक साथ पोर्टल पर अपलोड कर सकेंगे। साथ ही अक्टूबर में कम्पोजिशन का विकल्प चुनने वाले व्यापारियों की रिटर्न नहीं भर पाने की परेशानी भी दूर कर दी गई है।
वाणिज्य कर विभाग ने जीएसटी पोर्टल पर यह अपडेट सुविधा शुरू कर दी है। जुलाई में जब पोर्टल खुला था तब कई व्यापारी कम्पोजिशन का विकल्प चुनने से वंचित रह गए थे और अक्टूबर में उनको इससे जोड़ा गया लेकिन अब उनके रिटर्न फाइल नहीं हो पा रहे थे।
वाणिज्य कर विभाग ने जीएसटी पोर्टल पर यह अपडेट सुविधा शुरू कर दी है। जुलाई में जब पोर्टल खुला था तब कई व्यापारी कम्पोजिशन का विकल्प चुनने से वंचित रह गए थे और अक्टूबर में उनको इससे जोड़ा गया लेकिन अब उनके रिटर्न फाइल नहीं हो पा रहे थे।
व्यापारियों की इस परेशानी को दूर करते हुए पोर्टल पर तकनीकी समस्या को दूर कर दिया गया है, अब वे व्यापारी पोर्टल पर ही रिटर्न फाइल आसानी से कर पाएंगे। साथ ही व्यापारियों को खरीद के हर बिल का हिसाब-किताब पोर्टल पर देना होता था, जिससे व्यापारियों को फिडिंग में बड़ी समस्या थी। अब इसका समाधान करते हुए तय किया गया कि व्यापारी ऑफलाइन ही जेसन पर डाटा अपडेट कर दें और बाद में वे एक साथ में सारा डाटा पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं।
जीएसटी पोर्टल पर रिटर्न की स्थिति का पता करने की सुविधा प्रारम्भ कर दी गई है। अब टैक्सपेयर जीएसटी पोर्टल पर लॉगिन कर अपने सबमिट या फाइल किए गए रिटर्न की स्थिति पता कर सकते हैं। अब टैक्सपेयर को ऑफलाइन टूल द्वारा डाटा जेसन फाइल के रूप में जनरेट करने होंगे, एक बार में लगभग 10 हजार रिकॉर्ड जीएसटी पोर्टल पर सेव किए जा सकेंगे।
प्रज्ञा केवलरमानी, संयुक्त आयुक्त(प्रशासन), वाणिज्यिक कर विभाग