रविवार आधी रात के बाद प्रदेशभर में 4500 रोडवेज बसों का संचालन बंद हो जाएगा और 9 हजार कर्मचारी काम बंद कर हड़ताल पर चले जाएंगे। पिछले पांच सालों में यह रोडवेज की चौथी हड़ताल है। उल्लेखनीय है कि रोडवेज के संयुक्त मोर्चे और भारतीय मजदूर संघ के रोडवेज कर्मियों की ओर से पिछले 15 दिन से मांगों को लेकर आंदोलन चलाया जा रहा है। कर्मचारी पिछले सात दिन से क्रमिक अनशन और 3 दिन से आमरण अनशन पर बैठे हैं। इसके बावजूद सरकार ने अभी तक दोनों संगठनों को वार्ता का प्रस्ताव तक नहीं दिया है। अब संयुक्त मोर्चे ने 24 घंटे के जाम की घोषणा की है।
17 करोड़ रुपए का हुआ था नुकसान
इधर, पिछले डेढ़ महीने में रोडवेज की यह दूसरी हड़ताल है। इससे पहले 25 से 27 जुलाई को पहिया जाम किया गया था। 27 जुलाई को सरकार और कर्मचारियों के बीच समझौता वार्ता की गई। इस दौरान रोडवेज को 17 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। संयुक्त मोर्चे का कहना है कि समय पूरा होने के बाद भी समझौते का पालना नहीं की गई।
ये थीं प्रमुख चार मांंगें
– सेवानिवृत्त कर्मचारियों को देय सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान
– नवीन बसों की खरीद
– रोडवेज कर्मचारियों को राज्य सरकार के अनुरूप सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन और पेंशन भत्ते
– रिक्त पदों को भरने की स्वीकृति
– सेवानिवृत्त कर्मचारियों को देय सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान
– नवीन बसों की खरीद
– रोडवेज कर्मचारियों को राज्य सरकार के अनुरूप सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन और पेंशन भत्ते
– रिक्त पदों को भरने की स्वीकृति
पिछले समझौते में इन मांगों पर सहमति बनी
-सरकार अगस्त तक रोडवेज को 150 करोड़ रुपए देगी
– रोडवेज की नकारा बसों को रिप्लेसमेंट के आधार पर चरणबद्ध तरीके से बदला जाएगा
– रिटायर्ड आइएएस अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी, जिसमें कर्मचारी नेता और अधिकारी भी शामिल होंगे। कमेटी सातवें वेतनमान और नई भर्ती की मांग के संबंध में 31 अगस्त तक रिपोर्ट देगी।
-सरकार अगस्त तक रोडवेज को 150 करोड़ रुपए देगी
– रोडवेज की नकारा बसों को रिप्लेसमेंट के आधार पर चरणबद्ध तरीके से बदला जाएगा
– रिटायर्ड आइएएस अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी, जिसमें कर्मचारी नेता और अधिकारी भी शामिल होंगे। कमेटी सातवें वेतनमान और नई भर्ती की मांग के संबंध में 31 अगस्त तक रिपोर्ट देगी।