उदयपुर से चित्तौडगढ़़ मार्ग पर 0/0 से 99/0 किलोमीटर तक की टोल वसूली के लिए कार्पोरेशन ने ठेका एजेंसी शिवकरणसिंह/ रतनसिंह को अस्थायी तौर पर 26 जून से 11 दिसम्बर 2017 तक के लिए जिम्मेदारी सौंपी थी।
अस्थायी एजेंसी ने वसूली की कुल राशि करीब 8.80 करोड़ रुपए में से करीब आधी राशि कार्पोरेशन में चेक और आरटीजीएस से जमा करवाई। शेष 4.70 करोड़ रुपए जमा कराने को लेकर टालमटोल जारी है। कार्पोरेशन अब बकाया राशि वसूलने में बेबस है।
READ MORE: PATRIKA IMPACT: फर्जी बीमा क्लेम के रोज खुल रहे नए कारनामे, मृतक बीमित का बैंक खाता देख चौंकी पुलिस, गरीब के खाते से निकले इतने रुपए
बेवजह निरस्त की निविदा
देव दशरथ एजेंसी ने 25 जून 2017 तक मावली टोल नाके से कार्पोरेशन के लिए 55 करोड़ रुपए की सालाना वसूली की। निविदा अवधि समाप्त होने से पहले मई से अगस्त के बीच 4 बार निविदाएं आमंत्रित की गई। तीन बार रिजर्व प्राइज से कम राशि के प्रस्ताव पर विभाग ने निविदाएं खारिज की।
बेवजह निरस्त की निविदा
देव दशरथ एजेंसी ने 25 जून 2017 तक मावली टोल नाके से कार्पोरेशन के लिए 55 करोड़ रुपए की सालाना वसूली की। निविदा अवधि समाप्त होने से पहले मई से अगस्त के बीच 4 बार निविदाएं आमंत्रित की गई। तीन बार रिजर्व प्राइज से कम राशि के प्रस्ताव पर विभाग ने निविदाएं खारिज की।
चौथी बार एक सितम्बर को जोधपुर की महेंद्रसिंह एजेंसी ने रिजर्व प्राइज से ऊपर टोल वसूली के प्रस्ताव रखे। 12 सितम्बर को उदयपुर कार्यालय ने फाइल मुख्यालय जयपुर को भेज दी। कार्पोरेशन ने इस निविदा को बिना कोई कारण बताए ही खारिज कर दिया।
इस पर आरएसआरडीसी के तत्कालीन चेयरमैन एवं वर्तमान में अतिरिक्त मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने 26 जून से निविदा होने तक शिवकरण टोल एजेंसी को अस्थायी वसूली के कार्यादेश दिए।
संवेदक को अदालत ने दिलाई राहत
दूसरी ओर, निविदा खारिज होने पर एजेंसी महेंद्रसिंह ने 14 सितम्बर को जोधपुर हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। प्रकरण में अदालत ने कार्पोरेशन को नई निविदा नहीं निकालने पर पाबंद किया। करीब 17 पेशियों के बाद 11 दिसम्बर को अदालत ने 11 लाख रुपए बढ़ा
कर कार्पोरेशन को आवेदक एजेंसी महेंद्रसिंह को कार्यादेश जारी करने के आदेश दिए। अगले दिन से एजेंसी महेंद्रसिंह ने वसूली शुरू
कर दी।
संवेदक को अदालत ने दिलाई राहत
दूसरी ओर, निविदा खारिज होने पर एजेंसी महेंद्रसिंह ने 14 सितम्बर को जोधपुर हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। प्रकरण में अदालत ने कार्पोरेशन को नई निविदा नहीं निकालने पर पाबंद किया। करीब 17 पेशियों के बाद 11 दिसम्बर को अदालत ने 11 लाख रुपए बढ़ा
कर कार्पोरेशन को आवेदक एजेंसी महेंद्रसिंह को कार्यादेश जारी करने के आदेश दिए। अगले दिन से एजेंसी महेंद्रसिंह ने वसूली शुरू
कर दी।
स्थानीय प्रोजेक्ट डायरेक्टर की ढिलाई माफी योग्य नहीं है। राजस्व वसूली के साथ संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
एम.जी. माहेश्वरी, मैनेजिंग डायरेक्टर, आरएसआरडीसी जयपुर उच्चाधिकारियों के निर्देश पर ठेका एजेंसी शिवकरणसिंह को ब्लैक लिस्ट करने के साथ कानूनी कार्रवाई शुरू है।
आर.सी. बलाई, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, आरएसआरडीसी उदयपुर
मेरी सिफारिश थी या नहीं, यह कहना मुश्किल है। बेहतर रहेगा कि मामले में एजेंसी प्रतिनिधि शिवकरण से ही बात करें।
चंद्रभानसिंह आक्या, विधायक चित्तौडगढ़़ सरकार का पैसा हर हाल में वसूला जाएगा। किसी की सिफारिश काम नहीं आएगी। नोटिस जारी कर दिया है। कानूनी प्रक्रिया जारी है। निजी एजेंसी को हर हाल में पैसा चुकाना होगा।
युनूस खान, सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री
चंद्रभानसिंह आक्या, विधायक चित्तौडगढ़़ सरकार का पैसा हर हाल में वसूला जाएगा। किसी की सिफारिश काम नहीं आएगी। नोटिस जारी कर दिया है। कानूनी प्रक्रिया जारी है। निजी एजेंसी को हर हाल में पैसा चुकाना होगा।
युनूस खान, सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री