सरसंघचालक Mohan Bhagwat बोले शाखा के माध्यम से होता है ‘स्व’ के भाव का जागरण
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मुकेश हिंगड़ उदयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत Mohan Bhagwat ने शुक्रवार सुबह से उदयपुर में संघ के विभिन्न स्तर के कार्यकर्ताओं की बैठकें ली। बैठकों में संघ कार्य के विस्तार व दृढ़ीकरण को लेकर गहन चर्चा की गई। उन्होंने संघ में पूर्णकालिक कार्यकर्ता एवं शाखाओं की संख्या बढ़ाने का आह्वान किया। बैठकों में संघ रचना के अनुसार उत्तर पश्चिम क्षेत्र के चित्तौड़ प्रान्त के 8 विभाग, 4 महानगर एवं 27 जिलों के कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सरसंघचालक भागवत ने कार्यकर्ताओं से क्षेत्र में कोरोना की स्थिति व संघ के माध्यम से हो रहे सेवा कार्यों की जानकारी ली। साथ ही संभावित तीसरी लहर से सावधानी के मद्देनजर योजना एवं प्रशिक्षण की आवश्यकताओं पर भी चर्चा की।
बैठकों में विभिन्न विषयों की जानकारी साझा करने के साथ कार्यकर्ताओं ने सरसंघचालक भागवत से कई जिज्ञासाओं का समाधान भी प्राप्त किया। इस दौरान सरसंघचालक डॉ. भागवत ने संघ के शताब्दी वर्ष आने से पूर्व संघ कार्य की गति को बढ़ाने तथा पूर्णकालिक प्रचारकों की संख्या बढ़ाने की बात कही। शाखाओं के माध्यम से स्वयंसेवक की पहुंच हर घर तक बने, ऐसा प्रयास करने पर चर्चा की गई।
Mohan Bhagwat File Picture IMAGE CREDIT: Patrika बैठकों में संघ की शाखा के महत्व पर भी चर्चा हुई। संघ की शाखा के माध्यम से बालक, किशोर, तरुणों में ‘स्व’ अर्थात स्वदेश, स्वभाषा, स्वराज, स्वाभिमान के भाव का जागरण होता है। इस दौरान यह बात उभर कर आई कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर हर नागरिक में स्वराष्ट्र के प्रति स्वाभिमान और समर्पण का भाव जागरण हो, यह प्रयास किए जाएं। इस बात पर भी जोर दिया गया कि संघ की साठ मिनट की शाखा व्यक्ति के जीवन में संस्कार निर्माण की पाठशाला सिद्ध हुई है। इसी कार्य को विस्तारित और दृढ़ करने की जरूरत है।