खर्च के ये हैं मापदंड
राजस्थान स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल की ओर से तय मापदण्डों के आधार पर ही यह राशि खर्च की जाती है। इसमें नवनिर्माण पर कुल आवंटन का 35 प्रतिशत, मरम्मत व अपग्रेडेशन पर 35 प्रतिशत और नए साधन खरीदने, किताबों व जर्नल, फर्नीचर, कम्प्यूटर की खरीद में 30 प्रतिशत राशि खर्च की जा सकती है।
कक्षों का निर्माण करवाया
हमने कॉलेज में चार कक्षों का निर्माण करवाया है। इसके अलावा यह राशि कई मरम्मत सहित अन्य आधारभूत कार्यों पर खर्च की जाती है। समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजने पर राशि मिल रही है।
डॉ ऋतु मथारू, प्राचार्य, एमजी
राजस्थान स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल की ओर से तय मापदण्डों के आधार पर ही यह राशि खर्च की जाती है। इसमें नवनिर्माण पर कुल आवंटन का 35 प्रतिशत, मरम्मत व अपग्रेडेशन पर 35 प्रतिशत और नए साधन खरीदने, किताबों व जर्नल, फर्नीचर, कम्प्यूटर की खरीद में 30 प्रतिशत राशि खर्च की जा सकती है।
कक्षों का निर्माण करवाया
हमने कॉलेज में चार कक्षों का निर्माण करवाया है। इसके अलावा यह राशि कई मरम्मत सहित अन्य आधारभूत कार्यों पर खर्च की जाती है। समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजने पर राशि मिल रही है।
डॉ ऋतु मथारू, प्राचार्य, एमजी
READ MORE : video : सेना के सम्मान में स्केटिंग करके दिल्ली पहुंचेंगे उदयपुर के होनहार शिक्षा की गुणवत्ता के लिए नवाचार अपनाएं
उदयपुर. शिक्षा में नवीनतम शोध एवं अनुसंधान के साथ-साथ नवाचारिक प्रयोग संबंधी योजनाएं बनाना जरूरी हो गया है। यह विचार शुक्रवार को सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय तथा अरावली शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, देबारी के तत्वावधान में ‘न्यू विजन ऑफ टीचर्स, एज्यूकेशन इश्यू एण्ड चेलेंजेज’ में प्रो.पी.आर. व्यास ने बतौर अध्यक्षीय उद्बोधन में कही। प्रो. डी.एन.दानी ने कहा कि शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता के लिए नवाचारों को अपनाएं। विशिष्ट अतिथि डॉ. सुरेन्द्र द्विवेदी, शिक्षा संकाय प्रमुख डॉ. अल्पना सिंह, प्राचार्या डॉ. जया चित्तौड़ा ने भी विचार व्यक्त किए।
उदयपुर. शिक्षा में नवीनतम शोध एवं अनुसंधान के साथ-साथ नवाचारिक प्रयोग संबंधी योजनाएं बनाना जरूरी हो गया है। यह विचार शुक्रवार को सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय तथा अरावली शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, देबारी के तत्वावधान में ‘न्यू विजन ऑफ टीचर्स, एज्यूकेशन इश्यू एण्ड चेलेंजेज’ में प्रो.पी.आर. व्यास ने बतौर अध्यक्षीय उद्बोधन में कही। प्रो. डी.एन.दानी ने कहा कि शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता के लिए नवाचारों को अपनाएं। विशिष्ट अतिथि डॉ. सुरेन्द्र द्विवेदी, शिक्षा संकाय प्रमुख डॉ. अल्पना सिंह, प्राचार्या डॉ. जया चित्तौड़ा ने भी विचार व्यक्त किए।