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सचेतक सम्मेलन समापन: ई-विधान व पेपरलेस वर्क से बढ़ेगी पारदर्शिता, मिलेगा लोगों को फायदा

locationउदयपुरPublished: Jan 10, 2018 01:56:33 pm

Submitted by:

Mukesh Hingar

उदयपुर . केन्द्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि 18वें अखिल भारतीय सचेतक सम्मेलन में सभी संगियों ने ई-विधान व पेपरलेस कार्यों पर जोर

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उदयपुर . केन्द्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि 18वें अखिल भारतीय सचेतक सम्मेलन में सभी संगियों ने ई-विधान व पेपरलेस कार्यों पर जोर दिया गया है। ई-गर्वनेंस से पारदर्शिता तो बढेग़ी, साथ ही लोगों के लिए बहुत उपयोग साबित होंगे।
सम्मेलन के समापन पर पत्रकारों से बातचीत में गोयल ने कहा कि स मेलन में सभी सचेतकों ने आपस में मिलकर संसदीय प्रणाली की समस्याओं व कार्यप्रणाली पर चर्चा की और अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि स मेलन में यह तय हुआ है कि सचेतक का कार्य केवल उपस्थिति दे ाने का ही नहीं है, बल्कि सदस्यों को मोटिवेट करने, सदन कैसे चले इस पर सुझाव देने, संसदीय व्यवस्था की समस्याओं को दूर करने का है। उन्होंने कहा कि सत्रों के दिन बढ़ाने पर बात हुई।
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50 और 60 के दशक में 120 दिन सदन चलता था, जबकि अब 80 दिन तक सीमित हो गए हैं। प्रबन्धन ऐसा हो कि संसद और विधानसभा का समय कम से कम खराब हो। सदस्यों को वेल में आने से रोकने के लिए स ाी पार्टियां मिलकर कुछ आचार संहिता बनाए, जिससे सदन का समय नहीं बिगड़े। उन्होंने स मेलन के अन्य मुद्दों की चर्चा करते हुए कहा कि कमेटियों की रिपोट्र्स पर सदन में चर्चा होती रहे।
प्राइवेट मै बर बिजनेस पर भी जोर दिया जाए। अधिकाधिक कार्य दिवस होंगे तो ला्भ मिलेगा। संसद सदस्य व विधानस ाा सदस्यों की भागीदारी कार्यो में बढ़े। प्रशिक्षण कार्यक्रम हो, ताकि सांसद व विधायकों को फायदा मिलेगा। भावी नेताओं को भी प्रशिक्षणों के माध्यम से तैयार करें। सांसद व विधायकों को विभिन्न माध्यमों से उन्हें अपडेट करते रहना चाहिए।
आज का एजेन्डा ई-विधान था। इस कार्य के लिए 97 प्रतिशत राशि संसदीय मंत्रालय और करीब 3 प्रतिशत राशि राज्य सरकार को लगानी है। मॉडल बनने के बाद इसे लागू किया जा सकेगा। एक-दूसरे के विचार और सुझावों का मेल सबके लिए अच्छा है। यह पेपरलेस बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
– अनन्तरामन, मु्ख्य सचेतक पुंडुचेरी

सम्मेलन में नियम, बदलाव व संशोधन पर विचार होता है, जिनको लागू करने में कुछ समय लगता है, लेकिन इसका फायदा जरूर मिलता है। हिमाचल में ई-विधानस स्थापित कर दी गई है। यह बहुत बड़ा कदम है। इससे स ाी विधानसभा को फायदा मिलेगा।
कैलाश माथुर, मुख्य सचेतक उत्तरप्रदेश
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