नागणेची नंदी गोशाला बांदरा की ओर से सिणधरी चौराहे के पास स्थित मैदान पर चल रही भागवत कथा में संत कृपाराम ने कहा कि जिस घर में एक कन्या होती है, वह घर भाग्यशाली होता है। कन्यादान के बराबर कोई पुण्य नहीं है। कन्या भ््रूण हत्या महापाप है। लोगों की विचारधारा अलग हो गई है । बेटा होता है तो ढोल थाली बजाते हैं पर बेटी होती है तो एक ताली भी नहीं बजाते हैं। सुसंस्कारवान बेटी अपने दम पर पूरे परिवार को चला सकती है। बेटी नहीं बचाओगे तो बहू कहां से लाओगे। भागवत कथा में संत कृपाराम ने कहा कि भगवान केवल भक्त के भाव को देखते हैं।
कन्यादान अश्वमेघ यज्ञ के बराबर
कन्यादान अश्वमेघ यज्ञ के बराबर
लड़का और लड़की में कोई अंतर मत समझो। एक कन्यादान में अश्वमेघ यज्ञ के बराबर फल मिलता है। पुण्य नहीं कर सकते हो तो पाप भी मत करो। सुसंस्कारवान बेटी अपने दम पर पूरे परिवार को चला सकती है। बेटी नहीं बचाओगे तो बहू कहां से लाओगे। भागवत कथा में संत कृपाराम ने कहा कि भगवान केवल भक्त के भाव को देखते हैं। हास्य कलाकार जगदीश प्रजापति ने कविताओं से दर्शकों गुदगुदाया। साथ ही भक्ति रस की धारा में बहाते हुए लावो लेले रे भक्ति रो आदि भजनों से मंत्रमुग्ध किया।
कथा में महंत महेंद्रनाथ महाराज जसनाथ आश्रम, भगाराम चौधरी,अणदाराम कड़वासरा, मुख्य यजमान रेखाराम सऊ,नागणेची नंदी गोशाला अध्यक्ष रेखाराम डऊकिया, सवाईराम सियाग, भूराराम मायला, खेमाराम आर्य, नरसिंग जांगिड,़ प्रहलाद डूडी, दिनेश, राजूराम, गोमाराम बांगड़वा, केसाराम, मानाराम, रामाराम, बालाराम गोदारा, टीकमाराम, डालूराम, गिरधारी, शिवलाल आदि गो भक्त उपस्थित थे। समिति के प्रवक्ता हनुमानराम डऊकिया ने बताया कि भागवत कथा में बुधवार को विभिन्न प्रसंगों की व्याख्या होगी।
कथा में महंत महेंद्रनाथ महाराज जसनाथ आश्रम, भगाराम चौधरी,अणदाराम कड़वासरा, मुख्य यजमान रेखाराम सऊ,नागणेची नंदी गोशाला अध्यक्ष रेखाराम डऊकिया, सवाईराम सियाग, भूराराम मायला, खेमाराम आर्य, नरसिंग जांगिड,़ प्रहलाद डूडी, दिनेश, राजूराम, गोमाराम बांगड़वा, केसाराम, मानाराम, रामाराम, बालाराम गोदारा, टीकमाराम, डालूराम, गिरधारी, शिवलाल आदि गो भक्त उपस्थित थे। समिति के प्रवक्ता हनुमानराम डऊकिया ने बताया कि भागवत कथा में बुधवार को विभिन्न प्रसंगों की व्याख्या होगी।