आयड़ पेटे तथा उसके किनारे बड़ी संख्या में कब्जे हो गए हैं। प्रशासन ने पूर्व में 172 कब्जे चिह्नित किए थे लेकिन उनमें अधिकतर को नहीं हटाया गया। इनकी आड़ में कई नए कब्जों ने आयड़ को संकरा कर दिया। दो अक्टूबर को गांधीजी को नमन करने के साथ शुरू हुई आयड़ की साफ-सफाई के लिए उसके पेटे में उतरी मशीनों ने जैसे-जैसे झाडिय़ां हटाई तो आयड़ की असल तस्वीर सामने आने लगी है। जहां से नदी को साफ करने का आगाज किया गया था, वहां भी कई पक्के निर्माण दिखे थे।
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समय-समय पर हुई फौरी कार्रवाई
थूर की पाल से उदयसागर तक करीब 26 किलोमीटर लम्बी आयड़ नदी के बहाव क्षेत्र में 172 अतिक्रमण प्रशासन ने चिह्नित किए थे, उन्हें हटाने के लिए प्रशासन ने यूआईटी, नगर निगम और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम बनाई थी। कई वर्ष पूर्व थूर की पाल से अतिक्रमण हटाने का काम शुरू हुआ। साइफन कॉलोनी तक करीब 86 अतिक्रमण हटाए गए। बड़े अतिक्रमण सामने आते ही कार्रवाई रोक देनी पड़ी। दिसंबर 2014 में बहाव क्षेत्र से फिर पक्के कब्जे हटाने का काम शुरू किया गया था। यूआईटी और राजस्व विभाग की टीम ने आलू फैक्ट्री क्षेत्र में करजाली कॉम्पलेक्स के पास तीन-चार कब्जे हटाकर अभियान रोक दिया।
समय-समय पर हुई फौरी कार्रवाई
थूर की पाल से उदयसागर तक करीब 26 किलोमीटर लम्बी आयड़ नदी के बहाव क्षेत्र में 172 अतिक्रमण प्रशासन ने चिह्नित किए थे, उन्हें हटाने के लिए प्रशासन ने यूआईटी, नगर निगम और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम बनाई थी। कई वर्ष पूर्व थूर की पाल से अतिक्रमण हटाने का काम शुरू हुआ। साइफन कॉलोनी तक करीब 86 अतिक्रमण हटाए गए। बड़े अतिक्रमण सामने आते ही कार्रवाई रोक देनी पड़ी। दिसंबर 2014 में बहाव क्षेत्र से फिर पक्के कब्जे हटाने का काम शुरू किया गया था। यूआईटी और राजस्व विभाग की टीम ने आलू फैक्ट्री क्षेत्र में करजाली कॉम्पलेक्स के पास तीन-चार कब्जे हटाकर अभियान रोक दिया।
गंदे नालों ने प्रदूषित किया आयड़ को
आयड़ को लेकर प्रशासन के सर्वे में सामने आया था कि 139 छोटे-बड़े नाले सीधे आयड़ नदी में में गिर रहे है। बाद में इनकी संख्या बढ़ी भी थी। इस बीच, स्वच्छता अभियान और कुछ स्थानों पर गंदे नाले बंद करने के लिए जो वैकल्पिक व्यवस्था की, उससे कुछ नाले इसमें गिरने से रुके। दो दिन पूर्व जब नगर निगम व यूआईटी की टीम को बिल्डिंगों के गंदे नाले आयड़ में गिरते दिखे तो ऐसे लोगों को चेताया कि वे नालों को आयड़ में गिरने से रोके, अपने स्तर पर एसटीपी बनाएं या सीवरेज लाइन से जोड़ें अन्यथा प्रतिदिन पांच हजार रुपए जुर्माना भरना पड़ेगा। इसके अलावा पुलिया और बिल्डिंग से आयड़ पेटे में गन्दगी डालने वालों पर भी अब नजर रखी जाएगी, इसके लिए भी प्लान बनाया जा रहा है।