गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया की अध्यक्षता में शनिवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में आयड़ के सौंदर्यीकरण एवं इसे नियमित स्वच्छ रखने हेतु प्राप्त कई सुझावों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में सांसद अर्जुनलाल मीणा, यूआईटी अध्यक्ष रवीन्द्र श्रीमाली, जिला कलक्टर बिष्णुचरण मल्लिक, जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल, अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) सुभाष चन्द्र शर्मा, यूआईटी सचिव रामनिवास मेहता सहित अन्य अधिकारी एवं आयड़ सौंदर्यीकरण में सहयोग कर रहे विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
सफाई कर्मचारियों को दिलाई जाएगी शपथ बैठक में प्राप्त सुझाव के अनुसार नगर निगम एवं यूआईटी के सफाई कर्मचारियों को आयड़ नदी में कचरा नहीं फैंकने की शपथ दिलाई जाएगी। शपथ पत्र उनकी सर्विस बुक में संलग्न किया जाएगा। शपथ का उल्लंघन करने पर निर्धारित शर्तों के अनुरूप कार्यवाही की जाएगी।
READ MORE: उदयपुर में राष्ट्रीय पैरा स्विमिंग चैम्पियनशिप कल से, दुनिया देखेगी दिव्यांगों का हौसला कचरा फैलाने वालों पर रहेगी पैनी नजर आयड़ की सफाई व्यवस्था को और बेहतर और प्रभावी बनाने की दिशा में नदी में भराव डालने, कचरा फैलाने अथवा नदी को गन्दा करने वालों पर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से पैनी नजर रखी जाएगी और उनके खिलाफ कड़े कदम भी उठाए जाएंगे। नदी में कचरा फैकने वाले का फोटो खींचकर शिकायत दर्ज कराने वाले को नकद पारितोषिक का भी प्रावधान किया जा रहा है।
बनेंगे आयड़ मित्र नदी के बहाव क्षेत्र से जुड़े वार्डों में रात्रि चौपालों का आयोजन कर वार्डवासियों को जागरूक किया जाएगा। आयड़ सौंदर्यन के लिए बेहतर भूमिका निभाने वालों को आयड़ मित्र के रूप में मनोनीत किया जाएगा। इन चौपालों में गृहमंत्री, जिला कलक्टर, स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा यूआईटी व नगर निगम के अधिकारीगण उपस्थित रहकर आयड़ का स्वच्छ रखने का संदेश देंगे।