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भाषा, संस्कृति, परम्पराओं को सहेजेंगे, विद्यापीठ में बनेगा म्यूजियम

locationउदयपुरPublished: Feb 23, 2019 01:26:21 am

Submitted by:

Sushil Kumar Singh

अकादमिक काउंसिल की बैठक में लिए महत्वपूर्ण निर्णय, योगा व फिजियोथैरेपी में होगी पीएचडी

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भाषा, संस्कृति, परम्पराओं को सहेजेंगे, विद्यापीठ में बनेगा म्यूजियम

उदयपुर. राजस्थान विद्यापीठ में देश की भाषा, संस्कृति एवं परंपराओं को सहेजने की ऐतिहासिक पहल की है, जहां देशभर के शोद्यार्थी, शिक्षाविद, इतिहासकार व एक्सपर्ट शोध कर सकेंगे। विद्यापीठ में किसी भी पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को स्कील डवलपमेंट के माध्यम से रोजगारन्मुखी पाठ्यक्रमों से जोड़ा जाएगा। विद्यार्थी पढ़ाई के साथ भविष्य में रोजगार को लेकर भी तत्पर रहेंगे। यह निर्णय शुक्रवार को आयोजित अकादमिक काउंसिल की बैठक में लिए गए। बैठक की अध्यक्षता जर्नादन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ डिम्ड टू बी विवि कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने की। सारंगदेवोत ने बताया कि प्रतिवर्ष शिक्षा, साहित्य, खेल,समाज में उल्लेखनीय सेवाएं देने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान विद्यापीठ अलंकरण समारोह का आयोजन होगा। इसमें भारत ज्योति, समाज भूषण, शिक्षा सुधा निधि, समाज रत्न, साहित्य श्रीकांत, कला निधि, संगीत विभूषण, मंगल मूर्ति, साहित्य चूडामणि, समाज सेतु, साहित्य श्रीनिधि, सरस्वती पुत्र वाड्गमय विभूषण, समाज रत्न, कृषि, महामहोपाध्याय अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इन विषयों पर बनी सहमतिबैठक में योग व फिजियोथैरेपी में पीएचडी इसी वर्ष से प्रारंभ होगी। डिपार्टमेंट ऑफ फार्मेसी में आगामी सत्र से स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम बेचलर ऑफ फार्मेसी, ज्योतिष एवं वास्तु संस्थान में परामर्श केन्द्र की स्थापना एवं नित्य कर्म पूजा पद्वति प्रमाण पत्र, लेखांकन विभाग में गुड एण्ड सर्विस टेक्स सर्टिफिकेट कोर्स, प्रति वर्ष साहित्य संस्थान में मूर्ति कला पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयेाजन, इतिहास विभाग में राजस्थान की संस्कृति व कला पर सर्टिफिकेट कोर्स का शुभारंभ होगा। इसी तरह अन्य विषयों के संचालन पर भी सहमति बनी। बैठक में रजिस्ट्रार आरपी नारायणीवाल एवं अन्य मौजूद थे।

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