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सावन का दूसरा सोमवार : रिमझिम के बीच महाकालेश्वर और नीलकंठ महादेव निकले वन भ्रमण पर

locationउदयपुरPublished: Aug 03, 2021 02:24:25 pm

Submitted by:

madhulika singh

शिव मंदिरों में हुई विशेष पूजा-अर्चना, दर्शनों से निहाल हुए शिवभक्त
 

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उदयपुर. सावन के दूसरे सोमवार को शहर के शिवालयों में भक्तों की कतारें लगी रहीं। महादेव के दर्शन और अभिषेक के लिए सुबह से शाम तक मंदिरों में भक्त पहुंचते रहे। वहीं, प्रभु महाकालेश्वर और नीलकंठ महादेव को वन भ्रमण पर निकालने की परंपरा निभाई गई।
सार्वजनिक प्रन्यास मंदिर महाकालेश्वर के सचिव एडवोकेट चन्दशेखर दाधीच व केके शर्मा ने बताया कि सावन महोत्सव समिति के तत्वावधान में सुबह 10:30 बजे वैदिक मंत्रोंच्चार के साथ महाकालेश्वर का सहस्त्रधारा जलाभिषेक व पंचामृत तथा विभिन्न पवित्र नदियों से मंगवाए गए जल से अभिषेक किया गया। महाकालेश्वर को भव्य शृंगार धराया गया। इस दरम्यान प्रन्यास उपाध्यक्ष महिम दशोरा द्वारा प्रभु महाकालेश्वर को लघुरूद्री पाठ सुनाया गया। अभिजीत वेला में रानी रोड स्थित महाकालेश्वर मंदिर में प्रभु महाकालेश्वर के विग्रह स्वरूप को रजत पालकी में सवार करवा मंदिर परिक्रमा करवा मंदिर परिसर स्थित वाटिका पहुंचे, जहां भक्तों ने प्रभु को वन भ्रमण कराया तथा भगवान को झूले झुलाए। इसके बाद आरती कर पुन: पालकी को मंदिर सभा मण्डप में लाया गया, जहां महाआरती की गई। इस दरम्यान शिव भक्तों ने भोलेनाथ के भजन गाए व जयकारे लगाए तथा महिलाओं ने सवारी के आगे नृत्य कर शिव भजन गाए। रजत पालकी सज्जा चतुर्भुज आमेटा, पुरुषोत्तम जीनगर, कमल चौहान द्वारा की गई।

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नीलकंठ महादेव की निकली शाही सवारी
शिव दल ने फतहसागर मार्ग स्थित प्रसिद्ध शिवालय नीलकंठ महादेव मंदिर में नीलकंठ महादेव की शाही सवारी निकाली। शिव दल प्रमुख मनीष मेहता ने बताया कि सुबह 7 बजे से मन्दिर के पुजारी गोपाल शर्मा और देवेंद्र शर्मा के सान्निध्य में शिव दल कार्यकर्ताओं ने महादेव का रुद्राभिषेक किया। सवेरे 7 से दोपहर 2 बजे तक रुद्राभिषेक के साथ विभिन्न शिवानुष्ठान किए गए, जिनमें पूर्ण विधि-विधान से शिव परिवार सहित मन्दिर में स्थित राधेकृष्ण और बजरंग बली की प्रतिमा का भी अभिषेक किया गया। दोपहर 2 बजे से मंदिर में शिव दल कार्यकर्ताओं ने 11000 महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया। इस पाठ के बाद महन्त इंडद्रदेव दास के सान्निध्य में शिव दल कार्यकर्ताओं ने संगीतमय सुंदरकांड पाठ किया। शाम 4 बजे नीलकंठ महादेव को मंत्रोच्चार के साथ पालकी में विराजित किया गया और पालकी को पुष्पों से सुसज्जित पर शाही सवारी निकाली गई। शिव दल कार्यकर्ताओं ने पुष्प वर्षा की। साथ ही परिसर में भव्य आतिशबाजी भी की गई। शाही सवारी के समापन पर 5 बजे महादेव की 301 दीपों से महाआरती हुई।
इधर, हरिदास जी की मगरी स्थित शिव शक्ति पीठ में विराजित हरिश्वर महादेव को सावन के दूसरे सोमवार को गंगाजल, दूध-दही से सहस्त्रधारा रुद्राभिषेक कर भव्य शृंगार कर 151 दीपकों से भव्य महाआरती उतारी गई। महन्त इन्द्रदेव ने बताया कि इस मौके पर महादेव और मां अन्नपूर्णेश्वरी देवी को पांच ऋतु फल, खीर, मावा, लड्डू का नैवेद्य अर्पित किया गया।
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