शिक्षा विभाग के अधिकारी दफ्तर छोड़ बाहर जाने को ही तैयार ही नहीं हैं, तो चिकित्सा विभाग भी संक्रमण फैलता देख रेंडम सेंपलिंग के लिए राजी हुआ है। हालात ये है कि प्रशासनिक स्तर पर अधिकारी केवल बैठक में शामिल होकर कागजी आदेश निकाल काम की इतिश्री कर रहे हंै। धरातल पर कोई देखने वाला नहीं है। ना तो स्कूलों की जांच का शिक्षा विभाग ने अधिकारियों का कोई रोस्टर तैयार किया है और ना ही किसी स्कूल के निरीक्षण की कोई खास तैयारी की है।
—– ये हैं हालात-
– गुरु गोविन्द सिंह स्कूल में मध्यान्तर में अधिकांश बच्चों ने मास्क नहीं लगा रखा था, तो किसी भी प्रकार की कोई सोशय्ल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं हो रही थी, यहां कोई भी शिक्षक परिसर में बच्चों का ध्यान रखने के लिए नहीं था।
– अलीपुरा स्थित सेंट पॉल स्कूल में नियमों की पालना नजर आई, प्रवेश द्वार पर दो सुरक्षाकर्मी व एक कार्मिक बच्चों को दूर-दूर कतारबद्ध बाहर जाने के लिए भेज रहे थे, स्कूल के बाहर भीड़ नहीं थी।
—— ये अभिभावक भी बच्चों को समझाएं ….
– बच्चे स्कूल से बाहर निकलने के साथ ही मास्क निकालकर घूमने लग जाते हैं, एेसे में संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है।
—– पत्रिका ने चेताया था
पत्रिका ने पहले चेताया था कि जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या के लिहाज से हम प्रदेश अच्छी स्थिति में नहीं है, तो लगातार बढ़ते मामले चिंता का विषय है।
जहां ज्यादा नामांकन वहां दो पारी में स्कूल संचालन स्कूलों के लिए सख्ती बरतना शुरू किया है, सभी अधिकारियों को भी निरीक्षण के निर्देश दिए है। सभी से व्यवस्थाओं के फोटोग्राफ भी मांगे जा रहे है, लगातार गलती पर नोटिस दे रहे हैं। कोरोना संक्रमण की पालना के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
शिवजी गोड, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, उदयपुर