अभिभावकों ने तैयार कर समझाइश कर स्कूल भेजा सोमवार को सरकारी स्कूलों के साथ कुछ निजी स्कूलों में भी बच्चे पहुंचे। छोटे बच्चे लगभग डेढ़ साल से घरों में ही थे तो स्कूल जाने की आदत भूल गए। ऐसे में अभिभावकों ने समझा कर स्कूल भेजा। वहीं, कई अभिभावकों ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर के डर से छोटे बच्चों को अभी स्कूल भेजना उचित नहीं समझा। सरकारी व निजी दोनों ही स्कूलों में उपस्थिति कम ही रही। निजी स्कूलों में इन दिनों अद्र्ध वार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं, ऐसे में बच्चों को नहीं बुलाया गया। माना जा रहा है कि 1 अक्टूबर के बाद से ही स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ेगी।
छोटे बच्चों के लिए सभी स्कूलों में कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा गया। स्कूल में एंट्री से लेकर छुट्टी होने तक सैनिटाइजर व मास्क आदि बातों के लिए बच्चों को समझाया गया। कक्षाओं में बच्चों को सोशल डिस्टेंस के साथ बैठाया गया और लंच भी शेयर नहीं करने दिया गया। हर समय शिक्षक साथ रहे। वहीं, जो बच्चे स्कूल नहीं आए उनके लिए ऑनलाइन कक्षाएं साथ में ही संचालित होती रही।
मुझे स्कूल आकर अच्छा लगा। मेरे दोस्तों से मिली। मेडम अब तक ऑनलाइन पढ़ा रही थीं। आरूही स्कूल में काफी दिनों बाद आया हूं। घर में ऑनलाइन पढ़ाई करता था, आज दोस्तों के साथ पढ़ाई की।
मनदीप सिंह
अभी कोरोना के कारण ज्यादा दोस्त स्कूल नहीं आए। सब कुछ पहला जैसा हो जाए तो स्कूल में ज्यादा अच्छा लगेगा। खुशी प्रजापत
इनका कहना है
स्कूल शुरू हो गए हैं लेकिन अभी उपस्थिति कम ही है। पहली से पांचवीं कक्षा में 20 प्रतिशत उपस्थिति रही।