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स्कूल खुले : ना बच्चों का शोर गूंजा और ना ही खिलखिलाहट, 30 से 40 प्रतिशत रही उपस्थिति

locationउदयपुरPublished: Sep 21, 2021 01:55:42 pm

Submitted by:

madhulika singh

छठी से 8वीं तक के स्कूल खुले लेकिन आधे से ज्यादा निजी स्कूलों में अद्र्धवार्षिक परीक्षाएं चलने से बच्चों को नहीं बुलाया

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उदयपुर. राज्य सरकार के आदेश के बाद सोमवार को छठी से आठवीं तक के स्कूल खुल गए। लेकिन, स्कूलों में ना तो बच्चों का शोर गूंजा और ना खिलखिलाहट। ना ही सहपाठी एक-दूसरे से खुल कर मिल सके। दरअसल, स्कूल खुलने के आदेश तो जारी हो गए, लेकिन बच्चों की उपस्थिति केवल 30 से 40 प्रतिशत ही रही। वैसे, 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ ही स्कूल शुरू किए गए हैं, लेकिन कक्षाओं में गिने-चुने बच्चे ही पहुंचे।

कई स्कूल करा रहे ऑनलाइन टेस्ट तो कई अद्र्धवार्षिक परीक्षाओं के बाद बुलाएंगे

शहर के सभी निजी व सरकारी स्कूलों को सोमवार से छठी व आठवीं कक्षाओं के विद्यार्थियों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ बुलाना था। लेकिन, कई निजी स्कूलों में बच्चों को नहीं बुलाया गया, क्योंकि स्कूलों में ऑनलाइन टेस्ट चल रहे हैं। इन दिनों कई स्कूल ऑनलाइन टेस्ट ले रहे हैं और कई में अद्र्धवार्षिक परीक्षाएं भी शुरू होने जा रही हैं। ऐसे में स्कूलों ने परीक्षाओं के बाद ही बच्चों को बुलाने का निर्णय किया है।

अभिभावक भी नहीं भेजना चाहते
इधर, कई अभिभावकों ने भी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सहमति नहीं दी। कोरोना की तीसरी लहर का खतरा टलने तक वे ऑनलाइन कक्षाओं से ही पढ़ाई जारी रखने के पक्ष में हैं। अभिभावक कंचन शर्मा कहती हैं कि अभी ना तो बच्चों की वैक्सीन आई है और ना ही स्कूल में वे सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रख पाएंगे। बड़े बच्चे तो समझदार होते हैं लेकिन छोटे बच्चों से क्या उम्मीद कर सकते हैं।

विद्यार्थियों का कहना है

पूरे डेढ़ साल बाद स्कूल आई हूं। मैं उत्साहित थी और स्कूल आकर व टीचर्स से मिलकर अच्छा लगा, लेकिन बहुत कम सहपाठी आए।
चेष्टा शर्मा, 7वीं कक्षा


स्कूल खुलने पर खुशी हुई। घर पर रह कर अकेले पढ़ाई करना अच्छा नहीं लगता। स्कूल में अपने दोस्तों के साथ मिलजुलकर पढऩा अच्छा लगता है।
गुंजन शर्मा, 7वीं कक्षा

स्कूल में पढ़ाई की बात अलग है, यहां टीचर्स जो पढ़ाते हैं, वे बेहतर तरीके से समझ आता है। मैंने अपने स्कूल को और दोस्तों को काफी मिस किया। आज फिर से लौटकर अच्छा लगा।
मोनिषा जोशी, छठीं कक्षा

स्कूल में आकर अच्छा लगा। अपनी सहेलियों से भी मिली और साथ में पढ़ाई की। ऑनलाइन से ज्यादा ऑफलाइन क्लास ज्यादा अच्छी लगती है।

सोनाक्षी वैष्णव, छठीं कक्षा

स्कूल प्रिंसिपल्स का कहना है
30 सितंबर तक बच्चों के अद्र्धवार्षिक परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इसलिए 1 अक्टूबर से बच्चों को बुलाएंगे। बीच में बुलाने से उनकी पढ़ाई प्रभावित होती।
संजय नरवानिया, प्रिंसिपल, डीपीएस


स्कूल में 30 प्रतिशत उपस्थिति रही। कई बच्चे शहर से बाहर हैं तो कइयों के पास आने-जाने के लिए गाड़ी की सुविधा नहीं है। ऐसे में कुछ दिनों में 50 प्रतिशत तक उपस्थिति हो सकेगी।
ओपी यादव, प्राचार्य, केंद्रीय विद्यालय एकलिंगगढ़


अभी बच्चों के ऑनलाइन टेस्ट चल रहे हैं, ऐसे में परीक्षाओं के बाद ही स्कूल बुलाएंगे।

शैलेंद्र सोमानी, निदेशक, एमडीएस

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