कई स्कूल करा रहे ऑनलाइन टेस्ट तो कई अद्र्धवार्षिक परीक्षाओं के बाद बुलाएंगे शहर के सभी निजी व सरकारी स्कूलों को सोमवार से छठी व आठवीं कक्षाओं के विद्यार्थियों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ बुलाना था। लेकिन, कई निजी स्कूलों में बच्चों को नहीं बुलाया गया, क्योंकि स्कूलों में ऑनलाइन टेस्ट चल रहे हैं। इन दिनों कई स्कूल ऑनलाइन टेस्ट ले रहे हैं और कई में अद्र्धवार्षिक परीक्षाएं भी शुरू होने जा रही हैं। ऐसे में स्कूलों ने परीक्षाओं के बाद ही बच्चों को बुलाने का निर्णय किया है।
इधर, कई अभिभावकों ने भी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सहमति नहीं दी। कोरोना की तीसरी लहर का खतरा टलने तक वे ऑनलाइन कक्षाओं से ही पढ़ाई जारी रखने के पक्ष में हैं। अभिभावक कंचन शर्मा कहती हैं कि अभी ना तो बच्चों की वैक्सीन आई है और ना ही स्कूल में वे सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रख पाएंगे। बड़े बच्चे तो समझदार होते हैं लेकिन छोटे बच्चों से क्या उम्मीद कर सकते हैं।
विद्यार्थियों का कहना है पूरे डेढ़ साल बाद स्कूल आई हूं। मैं उत्साहित थी और स्कूल आकर व टीचर्स से मिलकर अच्छा लगा, लेकिन बहुत कम सहपाठी आए।
चेष्टा शर्मा, 7वीं कक्षा
स्कूल खुलने पर खुशी हुई। घर पर रह कर अकेले पढ़ाई करना अच्छा नहीं लगता। स्कूल में अपने दोस्तों के साथ मिलजुलकर पढऩा अच्छा लगता है।
स्कूल में पढ़ाई की बात अलग है, यहां टीचर्स जो पढ़ाते हैं, वे बेहतर तरीके से समझ आता है। मैंने अपने स्कूल को और दोस्तों को काफी मिस किया। आज फिर से लौटकर अच्छा लगा।
मोनिषा जोशी, छठीं कक्षा
स्कूल में आकर अच्छा लगा। अपनी सहेलियों से भी मिली और साथ में पढ़ाई की। ऑनलाइन से ज्यादा ऑफलाइन क्लास ज्यादा अच्छी लगती है। सोनाक्षी वैष्णव, छठीं कक्षा
स्कूल प्रिंसिपल्स का कहना है
30 सितंबर तक बच्चों के अद्र्धवार्षिक परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इसलिए 1 अक्टूबर से बच्चों को बुलाएंगे। बीच में बुलाने से उनकी पढ़ाई प्रभावित होती।
स्कूल में 30 प्रतिशत उपस्थिति रही। कई बच्चे शहर से बाहर हैं तो कइयों के पास आने-जाने के लिए गाड़ी की सुविधा नहीं है। ऐसे में कुछ दिनों में 50 प्रतिशत तक उपस्थिति हो सकेगी।
अभी बच्चों के ऑनलाइन टेस्ट चल रहे हैं, ऐसे में परीक्षाओं के बाद ही स्कूल बुलाएंगे। शैलेंद्र सोमानी, निदेशक, एमडीएस