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विषयों के वैज्ञानिक पहलुओं के ज्ञान से ही संभव है सटीक साइंस कम्युनिकेशन…

locationउदयपुरPublished: Mar 14, 2019 06:20:43 pm

‘साइंस मीडिया रिसर्च, साइंस क्रिएटिव एंड मीडिया स्कूल फॉर साइंटिस्ट वर्कशॉप’

science media research workshop in udaipur

विषयों के वैज्ञानिक पहलुओं के ज्ञान से ही संभव है सटीक साइंस कम्युनिकेशन

चन्दनसिंह देवड़ा/उदयपुर . ‘जब तक हमें किसी विषय के सभी वैज्ञानिक पहलुओं का ज्ञान नहीं होता है, तब तक हम सटीक साइंस कम्युनिकेशन नहीं कर सकते। इसके लिए हमें लैब से लेकर ले-मैन तक जाना होगा। सही सटीक वैज्ञानिक सूचना से ओतप्रोत नागरिक का निर्माण करना होगा ताकि वह खुद अपने मुद्दों को समझकर बदलाव के लिए आवाज उठा सके।’ यह विचार विद्याभवन इंस्टीट्यूट प्राचार्य डॉ. अनिल मेहता ने व्यक्त किए। वे बुधवार को मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के विज्ञान महाविद्यालय के बोटनी विभाग की ओर से आयोजित तीन दिवसीय ‘साइंस मीडिया रिसर्च, साइंस क्रिएटिव एंड मीडिया स्कूल फॉर साइंटिस्ट वर्कशॉप’ के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे।गौरतलब है कि नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्यूनिकेशन, डीएसटी, भारत सरकार व वैज्ञानिक दृष्टिकोण सोसायटी, जयपुर के साझे में आयोजित इस वर्कशॉप में अलग-अलग सत्रों में चर्चा हो रही है।
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पत्रकारिता विभाग के सहायक आचार्य डॉ कुंजन आचार्य ने कहा कि विज्ञान पत्रकारिता सरल और सहज भाषा में होनी चाहिए। तकनीकी दक्षता और तकनीकी निर्भरता के दौर में पत्रकारिता के माध्यम से वैज्ञानिक तथ्यों को आम पाठक तक पहुंचाने के लिए पत्रकार और पत्रकारिता दोनों को अब पहले से अधिक सजग होने की जरूरत है।
सवाल-जवाब से शांत हुई जिज्ञासाएं

वर्कशॉप में प्रश्नोत्तरी सत्र में विशेषज्ञों ने विज्ञान पत्रकारिता के विविध पहलुओं से जुड़े प्रश्नों के जवाब दिए। साथ ही नैनो टेक्नोलॉजी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी जैसे नए विषयों के बारे में भी बताया। इस दौरान सांइस फैकल्टी व शोधार्थी सहित विभिन्न संकायों के विद्यार्थी मौजूद रहे। इस मौके पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण के एडिटर तरुण कुमार जैन, बोटनी विभागाध्यक्ष प्रो. कनिका शर्मा, गीतांजलि हॉस्पिटल में निश्चेतना विभागाध्यक्ष डॉ. सुनंदा गुप्ता, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. जीएस देवड़ा ने भी विचार व्यक्त किए।
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