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स्क्रब टाइफस से पशुपालकों की जान पर मंडरा रहा खतरा, चिकित्सा एवं पशुपालन विभाग ने कस ली कमर

locationउदयपुरPublished: Nov 15, 2019 01:01:12 pm

Submitted by:

madhulika singh

स्क्रब टाइफस, सर्वाधिक रोगी मावली, भीण्डऱ, वल्लभनगर, गिर्वा, गोंगुदा व झाड़ोल में आए सामने, छिडक़ाव का नया प्रयोग

2 patients with scrubtypus found

खतरा! स्क्रब टाइफस के 2 रोगियों को भेजा उदयपुर

मानवेंद्र सिंह राठौड़/ उदयपुर. पशुओं से इंसानोंं में फैल रही स्क्रब टाइफस जैसी गंभीर बीमारी को नियंत्रण करने की चिकित्सा एवं पशुपालन विभाग ने कमर कस ली है। इसके लिए जिले के प्रभावित गंावों में अब मानव श्रम की बजाय ट्रैक्टर माउंटेट मशीन से साइपरमैथ्रिन स्प्रे कराया जा रहा है ताकि कम समय में अधिकांश गंावों में स्प्रे करवा कर पशुओं व उनके बाड़ों में पैदा हुए चींचड़ों का खात्मा किया जा सके। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सर्वे के मुताबिक पिछले छह माह में स्क्रब टाइफस के जिले में 354 रोगी चिन्हित हुए है। जनवरी, 2019 से नवम्बर, 2019 तक 500 रोगी पाए गए है। इन दिनों मावली के विजनवास, घासा, रख्यावल, सिंधु एवं गुड़ली में पशुपालकों के पशु बाड़ों में साइपरमैथ्रिन का स्प्रे किया गया है। अब अगले चरण में भीण्डऱ, वल्लभनगर, झाड़ोल गोंगुदा, गिर्वा व सराड़ा के प्रभावित इलाकों में ग्राम पंचायतों के सहयोग से छिडक़ाव किया जाएगा।
पशुपालन विभाग की ओर से इस बार कार्मिकों की बजाय गांवों में मशीन से स्प्रे कराया जा रहा है ताकि चींचड़ों का जल्द सफाया किया जा सके।


स्क्रब टाइफस के छह माह के रोगी
क्षेत्र का नाम रोगियों की संख्या
उदयपुर शहर 18

गिर्वा 50
गोंगुदा 42

मावली 84
वल्लभनगर 75

सलूम्बर 11
लसाडिय़ा 05

सराड़ा 07
खेरवाड़ा 03

ऋषभदेव 03
बडग़ांव 29

झाड़ोल 26
कोटड़ा 01

सेमारी 00
कुल 354
पशुओं के संपर्क में आने से फैलता रोग
अमूमन बारिश के बाद यह बीमारी पशुओं के चींचड़ों (माइट्स) से इंसानों में तेजी से फैलती है क्योंकि इंसान पशुओं के सम्पर्क में ज्यादा रहता है। यह पशु जनित रोग ओरैंसिया सुसुगामुशी जीवाणु से फैलता है। शहरों की बजाय गंावों में इस बीमारी का प्रकोप ज्यादा देखने में आया है।
हो सकती है रोगी की मृत्यु
इस बीमारी से तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, शरीर में जकडऩ, खांसी, चमड़ी पर चकते, पेट दर्द, उल्टी मिचली, एन्सिफेलाइटिस तथा कभी रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।
बारिश के बाद बढ़ जाता है रोग
मलेरिया, डेंगू अब धीरे-धीरे कम होने लगा है, लेकिन स्क्रब टाइफस का प्रकोप जरूर बढ़ा है। बारिश के बाद यह रोग बढ़ जाता है। जिले के भीण्डर, वल्लभनगर, मावली, गिर्वा व गोगुंदा क्षेत्र में रोगी बढ़े हैं। सभी सीएचसी व पीएचसी में दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक है।
– डॉ.राघवेन्द्र राय, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
आइसीआइसीआई फाउंडेशन (आरसेटी) के सहयोग से इस बार ट्रैक्टर माउंंटेट स्प्रे मशीन का उपयोग किया गया है। यह मशीन किराये पर ली गई है। मशीन किराया, चालक, डीजल पर प्रतिदिन 2000 रुपए खर्च होते हंै, जो आरसेटी वहन कर रही है। विभाग की ओर से एक फीसदी साइपरमैथ्रिन नि:शुल्क दिया जाता है।
डॉ. भूपेन्द्र भारद्वाज
संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग

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