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उदयपुर अस्पताल में हुई बच्चा चोरी की घटना ने खोल के रख दी सुरक्षा की पोल, सुरक्षा पर उठ रहे ये बड़े सवाल

locationउदयपुरPublished: May 07, 2018 12:58:21 pm

Submitted by:

madhulika singh

उदयपुर . कुछ ही दिनों के अंतराल में दूसरी बार नवजात चोरी की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिया है।

सुशील सिंह चौहान / उदयपुर . पन्नाधाय राजकीय महिला चिकित्सालय से कुछ ही दिनों के अंतराल में दूसरी बार नवजात चोरी की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिया है। दूसरी ओर आरएनटी मेडिकल कॉलेज सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी चिकित्सालय की सुरक्षा व्यवस्था सीसीटीवी कैमरों के भरोसे होने की दुहाई दे रहे हैं। इस बीच, रेजीडेंट से अभद्रता के आरोपित होमगाड्र्स को चिकित्सालय प्रशासन ने बाहर का रास्ता दिखा दिया।
सीसीटीवी कैमरों की खामियों का फायदा
एमबी और जनाना चिकित्सालय की सुरक्षा में होमगार्ड के अलावा 110 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। ये कैमरे चप्पे-चप्पे पर लगे हुए हैं, लेकिन आईटी से जुड़े जिम्मेदारों की उपेक्षा से इनमें बहुत सी खामियां अपराधियों के लिए फायदेमंद साबित हो रही हैं। एमबी के मुख्य पोर्च पर लगे कैमरे एक बार में एक ओर से निगरानी करते हैं, जबकि वह अगले पल घूमकर दूसरी ओर हो जाते हैं। कैमरे मुडऩे के अंतराल में वारदात करने वाला व्यक्ति खुद को सुरक्षित कर लेता है। इधर, दोनों चिकित्सालयों का सर्वर रूम एक होने से भी समस्या बढ़ गई हैं। जरूरत होने पर जनाना के अधिकारियों को लम्बी प्रक्रिया पूरी करने पर ही फु टेज देखने को मिलते हैं।
दो होमगार्ड बाहर
इधर, नशे में धुत होकर रेजीडेंट से अभद्रता करने के आरोप में एमबी हॉस्पिटल प्रशासन ने होमगार्ड गोविन्द एवं अजय को बाहर का रास्ता दिखाया। नर्सिंग अधीक्षक लक्ष्मीलाल बीरवाल ने चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. विनय जोशी के निर्देश पर यह कार्रवाई की है। प्रशासनिक स्तर पर संबंधित आरोपित गाड्र्स को अन्यत्र सेवाओं के लिए नहीं भेजने की सिफारिश की गई थी।
जांच कमेटी गठित
जनाना चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. सुनीता माहेश्वरी ने डॉ. मधुबाला चौहान, सहायक प्रोफेसर डॉ. भरत बिलवाल एवं नर्सिंग अधीक्षक अनम्मा को जांच रिपोर्ट पेश करने एवं आवश्यक सुझाव देने को कहा है। उनका सुझाव है कि आइसोलेशन वार्ड में भर्ती बच्चों का वैक्सिनेशन संबंधित वार्ड में ही हो जाना चाहिए। प्रतिदिन करीब 50 बच्चों को आइसालेशन प्रक्रिया के बाहर जाना पड़ता है। प्रसूता को कई बार परिजनों के भरोसे होना पड़ता है। अधीक्षक का कहना है कि ऑन बेड नवजात को वेक्शिनेशन के लिए उनकी ओर से प्राचार्य को लिखा जाएगा ताकि नवजात हर समय प्रसूता के पास सुरक्षित रह सके।

इनके हाथों में सुरक्षा
– एमबी हॉस्पिटल में कुल 79 होमगार्ड (1 शिफ्ट में 31, 2 व 3 शिफ्ट में 24-24)
– जनाना चिकित्सालय में कुल 19 होमगार्ड (1 शिफ्ट में 8, 2 व 3 शिफ्ट में 5 और 6)

कोई कोताही नहीं
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हम लोग पहले से ही सजग हैं। मामला जनाना चिकित्सालय का था। इसलिए उनकी ओर से ही सुरक्षा पुख्ता करने के कदम उठाए जाने चाहिए।
डॉ. विनय जोशी, अधीक्षक, एमबी हॉस्पिटल

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