पत्रिका टीम सबसे पहले बापू बाजार स्थित एक बुक स्टोर पर पहुंची, यहां टीम ने बताया कि पांचवीं तक एक नई स्कूल खोली गई है, इसके लिए बच्चों को किताबों की जरूरत है, क्या खर्च आएगा, क्या स्थिति रहेगी। मौजूद बुजुर्ग ने बच्चों की संख्या पूछी और बताया कि अंग्रेजी माध्यम की किताबे मिल जाएंगी, लेकिन अभी उपलब्ध नहीं करवा पाऊंगा, इस पर पत्रिका रिपोर्टर ने पूछा कि यदि आपके यहां से किताबें खरीदी तो स्कूल को क्या मिलेगा? (इशारों में कमीशन की बात की) इस पर संचालक बोले कि जो दूसरो को देते हैं 20 से 25 प्रतिशत वह आपको भी देंगे। जल्दी हो तो आप आरएमवी मार्ग स्थित बुक स्टोर से सम्पर्क कर सकते हो।
दृश्य दो/आरएमवी मार्ग
इसके बाद पत्रिका टीम पहुंची आरएमवी मार्ग यहां एक बुक स्टोर पर संचालिका किताबे बेच रही थी, उसे नए स्कूल खोलने की बात कहते ह़ुए किताबों के सेट उपलब्ध करवाने को कहा तो पूछा की यहां आकर ले जाओगे या हमें वहां काउंटर लगाना है। बातचीत के बीच संचालक आ गए तो उनसे बात करने के लिए ऑफिस में बुलाया। संचालक ने पूछा की 100 बच्चों का एडमिशन हो गया है तो किताबें उपलब्ध करवा देंगे 35 प्रतिशत दे देंगे और इससे कम बच्चे हुए तो 25 प्रतिशत ही मिलेगा। अगर सभी बच्चों की किताबों का पैसा आप एकत्रित कर एक साथ देते हो तो 40 प्रतिशत तक डिस्काउंट मिल जाएगा। टीम ने दो दिन में जवाब देने की बात कही।
कमीशन इतना आप सोच भी नहीं सकते…..
स्टिंग ऑपरेशन में किताबों की आड़ में कमीशन से जुड़े खेल की जो बाते हमारे सामने आई उसका अंदाजा आप लगा कर चौंक जाएंगे। कमीशन के खेल को इस गणित से भी समझ सकते है
पीडि़त हैं तो हमें बताएं
अभिभावक खुलकर करें शिकायत। अगर आप भी हैं स्कूल या यूनिफॉर्म दुकानदारों से पीडि़त तो हमें बताएं इस नम्बर पर 99280-91157, 99829-92671 (अभिभावक चाहेंगे तो उनके नाम गुप्त रखे जाएंगे)
कोई भी स्कूल किसी को भी पाबंद नहीं कर सकता कि किताबें किसी विशेष बुक स्टोर या दुकान से खरीदे। इसे लेकर अभिभावक सीधे तौर पर डीईओ कार्यालय में शिकायत कर सकता है और स्कूल को भी अपनी शिकायत देकर यहां कॉपी दे सकता है। कुछ स्कूलों की शिकायत मेरे पास भी पहुंची है। – शिवजी गौड, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी उदयपुर