चिकित्सालय प्रशासन ने नमूने लेने के समय में एक घंटे का परिवर्तन नहीं किया है यानी पूर्व में आउटडोर समय सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक था, तब सेंट्रल लैब में जांच नमूने लेने का समय दोपहर 12.30 बजे तक तय था। अब आउटडोर समय 9 से दोपहर 3 बजे हो चुका है, तब भी नमूने लेने का समय 12.30 बजे तक निर्धारित है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले मरीजों को दिक्कत हो रही है क्योंकि आउटडोर में चिकित्सक मरीजों को दोपहर 3 बजे तक जांच लिख रहे हैं।
पेयजल सुविधा नहीं
इधर, सेंट्रल लैब बिल्डिंग में मरीजों और स्टाफ के लिए पेयजल की सुविधा ही नहीं है। परिसर में निजी लैब के समीप वाटर कूलर से पानी लाने और पानी पीने जाने के नाम पर लैब टेक्निशियन आधा समय बर्बाद कर देते हैं। अधिकतर मौकों पर स्टाफ पानी पीने जाने की दलीलें देते हैं।
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लेता हूं जानकारी
प्रदेश सरकार की ओर से लैब संचालन का टाइम टेबल आया हुआ है। प्रभारी अधिकारी अच्छे से बता सकता हैं। फिर भी बुधवार को जानकारी जुटाकर लैब संचालन व्यवस्था तय की जाएगी।
डॉ. डी.पी.सिंह, प्राचार्य, आरएनटी मेडिकल कॉलेज
लेता हूं जानकारी
प्रदेश सरकार की ओर से लैब संचालन का टाइम टेबल आया हुआ है। प्रभारी अधिकारी अच्छे से बता सकता हैं। फिर भी बुधवार को जानकारी जुटाकर लैब संचालन व्यवस्था तय की जाएगी।
डॉ. डी.पी.सिंह, प्राचार्य, आरएनटी मेडिकल कॉलेज
निजी प्रेक्टिस भी जारी
पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि सेंट्रल लैब के पैथॉलोजी, बायो केमेस्ट्री, माइक्रोबॉयोलॉजी जैसे विभाग में सेवाएं देने वाले कुछ लैब सहायक एवं टेक्निशियन ड्यूटी ऑवर्स के दौरान निजी लैब में भी सेवाएं देने जाते हैं। बाहरी सेवाओं के चक्कर में ड्यूटी पर रहने वाले टेक्निशियन उनके ड्यूटी ऑवर्स को 4-4 घंटे में बांट लेते हैं यानी कुछ टेक्निशियन केवल चार घंटे ही सेवाएं देते हैं।
पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि सेंट्रल लैब के पैथॉलोजी, बायो केमेस्ट्री, माइक्रोबॉयोलॉजी जैसे विभाग में सेवाएं देने वाले कुछ लैब सहायक एवं टेक्निशियन ड्यूटी ऑवर्स के दौरान निजी लैब में भी सेवाएं देने जाते हैं। बाहरी सेवाओं के चक्कर में ड्यूटी पर रहने वाले टेक्निशियन उनके ड्यूटी ऑवर्स को 4-4 घंटे में बांट लेते हैं यानी कुछ टेक्निशियन केवल चार घंटे ही सेवाएं देते हैं।
प्रभारी से मांगा जवाब
इधर, राजस्थान पत्रिका के स्टिंग ऑपरेशन को मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। यह कहते हुए कि मरीज की असुविधा के लिए कौन जिम्मेदार है। प्राचार्य डॉ. डीपीसिंह ने लैब प्रभारी डॉ. सुनीता भार्गव से मामले में स्पष्टीकरण मांगा है, हालांकि अब तक भी इस मामले का जवाब नहीं दिया गया है।
गौरतलब है कि पत्रिका ने 16 अक्टूबर को ‘दावा: 24 घंटे जांच: रात में भर्ती मरीजों के नमूनों की भी नहीं होती जांच’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर खामी की ओर प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया था।
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जस के तस हाल
नमूने लेने, रिपोर्ट प्राप्ति कर समय
सुबह 9 से 10 बजे दोपहर 2 से 3
सुबह 10 से 12 शाम 5 से 6
दोपहर 12 से 6 रात 8 से 8.30
शाम 6 से प्रात: 6 प्रात: 9.30 से 12
जस के तस हाल
नमूने लेने, रिपोर्ट प्राप्ति कर समय
सुबह 9 से 10 बजे दोपहर 2 से 3
सुबह 10 से 12 शाम 5 से 6
दोपहर 12 से 6 रात 8 से 8.30
शाम 6 से प्रात: 6 प्रात: 9.30 से 12
यह है हालात
चिकित्सक ओपीडी समय सुबह 9 से 3 बजे तक।
मरीज जांच नमूना कलेक्शन समय दोपहर 12.30 बजे तक।
12.30 बजे के बाद केवल भर्ती मरीजों के लिए जांच की सुविधा।
शाम 6 बजे के बाद पेशाब जैसी जांच की सुविधा किसी के लिए भी नहीं।
चिकित्सक ओपीडी समय सुबह 9 से 3 बजे तक।
मरीज जांच नमूना कलेक्शन समय दोपहर 12.30 बजे तक।
12.30 बजे के बाद केवल भर्ती मरीजों के लिए जांच की सुविधा।
शाम 6 बजे के बाद पेशाब जैसी जांच की सुविधा किसी के लिए भी नहीं।