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कुपोषित बच्चे-बच्चियों के लिए रामबाण औषधि साबित होगा सेहजन का पौधा

locationउदयपुरPublished: Dec 12, 2019 01:26:26 pm

Submitted by:

madhulika singh

सेहजन का पौधा करेगा कुपोषण दूर, स्कूलों व आंगनवाड़ी परिसरों में लगाए 10 हजार पौधे

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मानवेंद्रसिंह राठौड़/उदयपुर. आदिवासी किशोर-किशोरियों एवं स्कूली बच्चे पोषक तत्वों की कमी के चलते कुपोषण के शिकार होते जा रहे हैं। खून की कमी की इस बीमारी से बचाने के लिए कलक्टर ने जिले में एक अनूठी पहल शुरू की है। इसके तहत कलक्टर ने स्कूलों व आंगनवाड़ी केन्द्रों के परिसरों में आयुर्वेद का औषधीय सेहजन पौधा लगाने का जिम्मा कृषि महकमे को सौंपा है। कृषि विभाग की आत्मा परियोजना के तहत जिले के 905 स्कूलों व आंगनवाड़ी केन्द्रों के परिसरों में ये पौधे लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा जनजाति आश्रम छात्रावासो में भी पौधे लगाने के लिए संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया है। पहाड़ी अंचल में रहने वाले इन आदिवासी परिवारों के बच्चे-बच्चियों के खून में आयरन की कमी पाई गई है। इसे ध्यान में रखते हुए कलक्टर आनंदी ने दो माह पूर्व औषधीय पौधा सेहजन लगाने की कृषि विभाग को जिम्मेदारी सौंपी है। स्कूलों व आंगनवाड़ी केन्द्रों के परिसरों में अब तक 5 हजार खड्डे खुदवाकर करीब 10 हजार सेहजन के पौधे लगाए जा चुके हैं। इसमें 50 फीसदी स्कूलों व आंगनवाड़ी केन्द्रों में ये पौधे तैयार हो चुके हैं। खड्डों की खुदाई कृषि पर्यवेक्षकों व अध्यापकों की ओर से कराई है जिन स्कूलों व आंगनवाड़ी केन्द्रों में चार दीवारी बनी हुई है, उन्हीं जगह ये पौधे लगाए गए है।
कृषि विभाग के मुताबिक सेहजन का औषधीय पौधा 3-4 माह में तैयार हो जाता है। यह पौधा धीरे-धीरे पेड़ का आकार लेता है और उसकी उम्र 8-10 वर्ष की होती है। सर्दी में यह पौधा जल्दी बढ़वार लेता है। साल में दो बार फल देने वाले सेहजन के फलों की तुड़ाई फरवरी-मार्च और सितम्बर-अक्टूबर में की जाती है। प्रत्येक पौधे से लगभग 40-50 किलोग्राम सेहजन सालभर में प्राप्त हो जाता है।
इस पौधे का औषधीय महत्व है। इसमें पाए जाने वाले तत्व अन्य खाद्य पदार्थों की अपेक्षा कई गुना अधिक है। सेहजन के पौधे की पत्तियों, फूलों व फलियों को सब्जी के साथ खाने से बच्चों तथा महिलाओं में कुपोषण दूर होता है और शरीर में आयरन की कमी को दूर करता है। इनके फूलों व फलियों को सूखाकर चूर्ण बनाकर भी खाने में उपयोग लिया जा सकता है। इसकी कच्ची पत्तियों व फलियों में भरपूर पोषकतत्व होते है, इसमें वसा, प्रोटिन, कार्बोहाइडे्रट व पानी भरपूर मात्रा में होता है। इसके निरन्तर सेवन से मनुष्य के शरीर में तंत्रिका व प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनती है। सर्दी व फ्लू से लडऩे में सहायक है टीबी, अस्थमा, मूत्र विकार, आंत के अल्सर, ट्यूमर, कैंसर में काफी उपयोगी है। इसमें विटामिन ए, सी, थायमीन, कैलशियम, लोह तत्व, मैगनिशियम, मैगनीज, फॉस्फोरस, पोटेश्यिम,सोडियम व जस्ता पाया जाता है।
इनका कहना है
कृषि विभाग ने पौधे लगाने का काम शुरू कर दिया है अब तक 10 हजार पौधे स्कूलों व आंगनवाड़ी केन्द्रों के परिसरों में लगा दिए है। सेहजन के बीज कृषि प्रौधोगिकी प्रबंधन अभिकरण आत्मा की और से उपलब्ध कराए गए है।
केएन सिंह, कृषि उपनिदेशक(विस्तार)

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