यहां अनुदेशक व विद्यार्थियों में भय है कि कब कौनसा हिस्सा गिर जाए। यहां करीब 40 विद्यार्थियों की कक्षा व वर्कशॉप रोजाना लगती है। बकौल अनुदेशक व विद्यार्थी जरा भी लगे कि छत गिरने वाली है तो पढ़ाई और काम छोड़ बाहर भागना पड़ता है।
छत उधड़ी: इस कक्ष की छत उधड़ चुकी है। हालात यह है कि लटके हुए पंखें भी नीचे आने लगे हैं। जर्जर छत में से जंग लगे सरिये भी साफ नजर आ रहे हैं। इसके बावजूद यहां रोज कक्षा लगती है। इसके अलावा वर्कशॉप का पूरा सामान भरा पड़ा है।
रखते हैं पूरा ध्यान: मैकेनिक- मोटर व्हीकल ट्रेड के शिक्षक प्रेमसिंह सोलंकी व अमरजीतसिंह का कहना है कि विद्यार्थियों को भी चेता दिया है कि सावधान रहें। हम भी पूरा ध्यान रखते है कि कहीं कोई हादसा न हो जाए।
पुनर्निर्माण के लिए अनुमानित 43 लाख रुपए खर्च होंगे। संबंधित विभाग को समस्या से अवगत कराने के बावजूद अब तक सुध नहीं ली।
आरके बागोरा, प्रधानाचार्य, औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र, उदयपुर READ ALSO: संगोष्ठी में ‘सूरसागर’ पर चर्चा
उदयपुर. महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन की ओर से शुक्रवार को सिटी पैलेस स्थित एमएमसीएफ कॉन्फ्रेंस हॉल में संगोष्ठी ‘उदयपुर्स ट्रिब्यूट टू सूरदास’ का आयोजन हुआ। महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्रसिंह आऊवा ने बताया कि कोलम्बिया यूनिवर्सिटी यूएसए के प्रो. जॉन स्ट्रेटन हेवली ने 17वीं-18वीं शताब्दियों में मेवाड़ की ओर से सूरदास के प्रति लिखे और चित्रित किए गए चित्रों पर अध्ययन की समीक्षा पेश की। उन्होंने श्रीकृष्ण और सूरदास के मध्य अतुल्य भक्ति और प्रेम के चित्रण और वर्णन की बारीकियां बताई।