इसी क्रम में रविवार शाम नई दिल्ली के साद्या दल कलाकारों द्वारा संतोष नायर के निर्देशन में ‘मिस्टिकल फॉरेस्ट’ में जंगल के जीवन, संघर्ष और आपसी सौहार्द को आंगिक भंगिमाओं से रोचक अंदाज में पेश किया गया। दरअसल, ओडीशा की युद्ध कला मयूरभंज छाऊ शैली के तत्वों से सृजित इस नृत्य नाटिका में जंगल की कहानी को अनूठे अंदाज में दर्शाया गया। बेहतरीन प्रकाश संयोजन और कलाकारों के उत्कृष्ट आंगिक अभिनय ने पूरे समय दर्शकों को बांधे रखा।
फैल रही लजीज व्यंजनों की महक इससे पूर्व रविवार के अवकाश की वजह से शहरवासियों सहित देशी-विदेशी सैलानी दोपहर की गुनगुनी धूप में शिल्पग्राम कलांगन पहुंचे। इनमें से कइयों ने परिजनों तो कई ने मित्रों संग देश के विभिन्न राज्यों के स्वादिष्ट व्यंजनों का जमकर स्वाद लिया। जिनमें बिहार का लिट्टी चोखा, मराठी मटका रोटी, पंजाबी नान, छोला कुलछा, गुजराती थेपले, हरियाणा का जलेबा और ढोकला सहित नॉनवेज के शौकीनों ने लखनऊ की बिरयानी, चिकन करी, चिकन टिक्का आदि का लुत्फ उठाया।
शरद रंग में सोमवार की शाम मुख्य रंगमंच पर देश के ख्यात गायक व पद्मभूषण से सम्मानित कलाकार राजन और साजन मिश्रा ‘डिवाइन रागा’ पेश करेंगे