बंगाली समाज के पूजा सचिव तपन रॉय ने बताया कि इस साल पूजा का ये 61वां साल है। हर साल भूपालपुरा स्थित बंग भवन में मां की विशाल प्रतिमा बंगाली कलाकार ही बनाते हैं और उसका भव्य शृंगार भी किया जाता है। वहीं, दशमी तक विविध पूजा-अनुष्ठान होते हैं। पहले दिन मां दुर्गा की मूर्ति की स्थापना होगी व छठी, सप्तमी, अष्टमी और दशहरा पर दुर्गा पूजा कार्यक्रम होगा।
सिंदूर खेलाने की परंपरा भी निभाएंगे रॉय ने बताया कि षष्ठी से पुष्पांजलि और प्रसाद वितरण कार्यक्रम होगा। अष्टमी पूजन पर बड़ा कार्यक्रम होता है। पूरे समाज के लोग दर्शन व पूजा के लिए जुटते हैं। इसमें 108 कमल के फूल चढ़ाए जाएंगे। 108 दीप जलाए जाएंगे। वहीं, नवमी पर सुबह पूजा और हवन होगा। दशमी पर विसर्जन की रस्म निभाई जाएगी। साथ ही सिंदूर खेलाने की परंपरा सुहागिनें हमेशा की तरह निभाएंगी।